नई दिल्ली। आज (8 सितंबर 2018) को 52 वा अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस है। विश्व में शिक्षा और साक्षरता की जागरूकता फ़ैलाने के लिए इसे हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि इस दिवस को आखिर शुरू कब और क्यों किया गया था और इसे कब से मनाया जा रहा है। अगर नहीं तो घबराइए मत क्योकि हम आपके लिए लाये है अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास और इससे जुडी मुख्य जानकारियां।
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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास
दुनिया भर में शिक्षा और साक्षरता की महत्वता की अलख जगाने के लिए यूनेस्को ने 7 नवंबर 1965 में घोसना की थी कि हर वर्ष 8 सितंबर को पुरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जायेगा। यह दिवस पहली बार 1966 से मनाया गया था और तब से लेकर आज तक हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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विश्व में कितनी है साक्षरता
विश्व शिक्षा निगरानी बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक हर पाँच में से एक पुरुष असाक्षर है इसके साथ ही दुनिया की दो-तिहाई महिलाएँ भी अनपढ़ है। माली, बुरकिना फासो और नाइजर ऐसे देश है जहाँ साक्षरता दर सबसे कम है।
भारत में कैसे है हालत
भारत में साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर से काफी कम है। भारत में 2011 में साक्षरता दर 75.06 थी जो उस वक्त विश्व की साक्षरता दर 84% से काफी काम है।
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