नई दिल्ली. इस समय भारतीय रूपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पहले से काफी बेहतर स्तर पर चल रहा है. इसके साथ ही इस वक्त कच्चे तेल की कीमतें भी इस साल के सबसे निचले स्तर के करीब ही है. इन दोनों वजहों से देश में शेयर मार्केट और कई अन्य बाजार भी अच्छे से चल रहे है लेकिन यह ख़ुशी अगले साल एक झटके में भी बदल सकती है.
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ऐसा इसलिए क्योंकि डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपया जल्द ही फिर गिर सकता है. दरअसल प्रसिद्ध अंतरास्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय रुपये को लेकर हाल ही में एक चिंताजनक रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में फिच ने कहा है कि भारतीय रूपया अगले साल बड़ी गिरावट के साथ लुढ़क सकता है. इतना ही नहीं बल्कि इस एजेंसी तो यह तक संदेह जाता दिया है कि रूपया 75 रुपये प्रति डॉलर तक के स्तर तक लुढ़क सकता है.
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इस मामले में चिंताजनक बात यह है कि यदि रुपए में डॉलर के मुकाबले तेज गिरावट हुई तो क्रूड आयात बिल में बेतहाशा वृद्धि हो जाएगी. इससे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी बढ़त होगी. इस वजह से रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दाम भी बढ़ सकते है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अंतरास्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच का सन्देश अगर सच साबित हुआ तो यह देश की अर्थव्यवस्था की गति को धीमा कर सकता है.
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