नई दिल्ली: पिछले साल हुई नोटबंदी के बाद नकली नोटों की तस्करी का मामला थोड़ा ठंडा हुआ ही था कि, अब स्पेशल सेल ने अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह के दो शातिर तस्करों को गिरफ्तार कर उनके गिरोह का पर्दाफास किया है. पुलिस को गिरोह के पास से छह लाख रुपये कीमत के दो हजार के नकली नोट बरामद हुए है. ये तस्कर दो हजार के नोटों की छपाई वाटर मार्क के जरिए इस तरीके से करते थे की इन्हे आसानी से पहचाना नहीं जा सकता. फ़िलहाल दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है.
बताया जा रहा है कि यह दोनों आरोपी बिहार के रहने वाले है. इस मसले पर स्पेशल सेल डीसीपी संजीव कुमार यादव ने मीडिया को बताया कि, एसीपी अतर सिंह की टीम को 29 सितंबर को तस्कर के आने की सूचना मिली थी. सूचना पर टीम ने शांति वन चौक पर घेराबंदी की और एक तस्कर को पकड़ लिया. उसके पास से पुलिस को 5.5 लाख कीमत के दो हजार के नोट मिले. जिसके बाद उसी ने ही पुलिस यह जानकारी दी कि 3 अक्टूबर को बिहार से दूसरे तस्कर आने वाला है, जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर उसे भी गिरफ्तार कर लिया, और उसके पास से 50 हजार रुपये कीमत के दो हजार के नकली नोट भी बरामद किए.
पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ में की जाने पर तस्करो ने बताया कि उन्हें ये नकली नोट पश्चिम बंगाल के एक तस्कर ने दिए थे. दोनों तस्करों ने बताया कि नोटबंदी के बाद से नकली नोटों की छपाई बांग्लादेश व नेपाल में शुरू होने लगी थी, और सक्रिय तस्करों के जरिये उन नोटों को भारत भेजा जाने लगा. भारत में नकली नोटों की सप्लाई बड़े पैमाने पर दिल्ली के अलावा पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में भी हो रही है.
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