देश की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने अंतर्राष्ट्रीय वन्य प्राणी तस्कर तपस बसक उर्फ रॉनी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय टाईगर स्ट्राइक फोर्स ने मार्च में आरोपी को गिरफ्तार कर सागर के विशेष न्यायालय में पेश किया था. तब से आरोपी सागर जेल में निरूद्ध है.बता दें कि कछुए का अंतरराष्ट्रीय तस्कर रॉनी पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का रहने वाला है. रॉनी का अवैध व्यापार सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, मकाऊ, हांकांग, चीन, मेडागास्कर आदि देशों में फैला हुआ है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रॉनी और उसके साथियों द्वारा जिन रेड क्राउंस रूफ टरटल्स की तस्करी की जा रही थी, वे केवल विश्व में चंबल वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में ही बचे हैं. पूरे विश्व में प्राकृतिक आवास में इन कछुओं की अनुमानित संख्या 500 है. रॉनी ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल आदि राज्यों से भी दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को विदेश में बेचा है.
इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जबलपुर उच्च न्यायालय को प्रकरण की ट्रायल 6 माह के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए हैं. आरोपी तपस उर्फ रॉनी को मध्यप्रदेश एसटीएफ (वन्य प्राणी) द्वारा अगस्त 2018 में कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था. लेकिन, स्थानीय न्यायालय द्वारा उसे सशर्त जमानत दे दी गई थी. आरोपी जमानत की शर्तो को नकारते हुए नियत तिथि पर पेशी पर नहीं आया था. आरोपी के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर तलाश जारी रही.
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