तिरुवंतपुरम: किसी भी देश की साक्षरता उसकी विकास दर को दर्शाती है. साक्षरता के महत्व को उजागर करने और साक्षरता समस्याओं के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है . राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) सर्वेक्षण पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार, 96.2% साक्षरता के साथ केरल एक बार फिर भारत में सबसे साक्षर राज्य के रूप में दिखाई दिया है, जबकि आंध्र प्रदेश 66.4% की दर के साथ सबसे नीचे पर प्रकाश डाला गया है.
"There can be no joy greater than reading and no friend greater than knowledge" Hon'ble PM Shri @narendramodi
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) September 8, 2020
On this #InternationalLiteracyDay, we promise to work towards achieving 100% literacy by complying with the reforms within the National Education Policy 2020. pic.twitter.com/HnG0e8WGra
इस बार, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (आईएलडी) 2020 शिक्षकों के प्रदर्शन और बदलती शिक्षाशास्त्र पर ध्यान केंद्रित करने के साथ 'साक्षरता शिक्षण और COVID-19 संकट और उससे आगे' सीखने पर एकाग्र होगा. यह विषय आजीवन सीखने के नजरिए से साक्षरता को उजागर करेगा, और इसलिए मुख्य रूप से युवाओं और वयस्कों पर ध्यान केंद्रित करेगा . 96.2% साक्षरता के साथ, केरल एक बार फिर देश में सबसे साक्षर राज्य के रूप में उभरा, जबकि आंध्र प्रदेश 66.4% की दर के साथ सबसे नीचे चित्रित हुआ, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) सर्वेक्षण पर आधारित एक रिपोर्ट दिखाई.
अध्ययन के अनुसार, केरल के बाद, दिल्ली में सबसे अच्छी साक्षरता दर 88.7% है, इसके बाद उत्तरखंड की 87.6%, हिमाचल प्रदेश की 86.6%और असम की 85.9% है. दूसरी ओर, राजस्थान 69.7% की साक्षरता दर के साथ दूसरे सबसे खराब कलाकार हैं, इसके बाद बिहार 70.9%, तेलंगाना में 72.8%, उत्तर प्रदेश 73%, और मध्य प्रदेश 73.7% पर है.
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