जयपुर: राजस्थान पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि उनकी पूछताछ में फरवरी में राजस्थान में दो लोगों की हत्या में बजरंग दल के सदस्य और गोरक्षक मोनू मानेसर की 'प्रत्यक्ष' संलिप्तता का खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में उसकी भूमिका की अभी भी जांच की जा रही है। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, "मैं यह भी बताना चाहूंगा कि इस घटना में मोनू (मानेसर) की कोई प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं है। पृष्ठभूमि में, उसकी भूमिका की अभी भी जांच की जा रही है।''
मिश्रा ने कहा कि, "हम यह नहीं कह सकते कि हरियाणा पुलिस इस मामले में (हमारा) कितना समर्थन कर रही है। इस बारे में सार्वजनिक रूप से बोलना उचित नहीं होगा...हमने बाकी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा पुलिस से समर्थन का आग्रह किया है।" राज्य पुलिस ने बाद में एक बयान जारी कर कहा, "यह स्पष्ट किया जाता है कि डीजीपी, राजस्थान और राजस्थान पुलिस ने नासिर जुनैद हत्या मामले में मोनू मानेसर को कोई क्लीन चिट नहीं दी है।"
बता दें कि, जुनैद (35) और नासिर (27) की हत्या के लिए एफआईआर में सूचीबद्ध 21 आरोपियों में से एक, मोनू मानेसर हरियाणा में गौरक्षकों के लिए एक प्रसिद्ध व्यक्ति है। 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में एक कार में दो चचेरे भाइयों के जले हुए शव मिले थे। उन पर हरियाणा के नूंह में हाल ही में हुई सांप्रदायिक अशांति से पहले भड़काऊ टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया गया था, हालांकि उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया है। राजस्थान पुलिस ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर पोस्ट किया, "एफआईआर में मोनू को आरोपी के रूप में शामिल किया गया है। साजिश रचने और जघन्य अपराध को बढ़ावा देने में उसकी भूमिका की सक्रिय जांच चल रही है।"
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