लखनऊ: अब संदिग्ध वक्फ संपत्तियों की जांच शुरू होने जा रही है। अब तक सुन्नी वक्फ बोर्ड दो हजार से ज्यादा वक्फ संपत्तियों को चिन्हित कर इनकी मैपिंग कर चुका है। गांवों के स्तर तक मैपिंग हो चुकी है। इस दौरान ऐसी कई संपत्तियां पाई गई हैं जो कभी वक्फ बोर्ड में पंजीकृत थीं, मगर अब उन पतों पर नहीं हैं। मुस्लिम यतीमखाना के पास भी कई वक्फ संपत्तियां हैं। संदेह जताए जाने के बाद अब एक टीम आज यानी शनिवार (4 फ़रवरी) को इसकी जांच करेगी।
बता दें कि, बीते एक साल से वक्फ संपत्तियों की मैपिंग का काम चल रहा है। अपेक्षित गति से यह कार्य न हो पाने की वजह से अभी शत-प्रतिशत मैपिंग नहीं हो सकी है। सभी वक्फ संपत्तियों के बाहर बोर्ड नहीं लगाया गया है। दरअसल, बोर्ड ने निर्देश दिए थे कि इन पर वक्फ संपत्ति के बारे में पूरा ब्यौरा लिखने के साथ मुतवल्ली का नाम आदि भी लिखना होगा, लेकिन यह कार्य अभी अधूरा है। पूरे कानपुर (ग्रामीण अंचल सहित) 2237 सुन्नी वक्फ सम्पत्तियाँ चिन्हित की जा चुकी है। इसमें वक्फ मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों, मकानों आदि की जानकारी दर्ज की गई है। शहर के कई क्षेत्रों जैसे दलेलपुरवा, नवाबगंज, तलाकमहल आदि में कई ऐसी संपत्तियां हैं, जो वक्फ हैं, मगर रिकॉर्ड के मुताबिक, उपलब्ध नहीं हो पाई हैं।
इस बात को भी जांच में शामिल किया गया है कि कहीं वक्फ जमीन को बेचकर उसके एवज में दूसरे स्थान पर तो भूमि नहीं दी गई है। बेची गई वक्फ संपत्तियों की कुंडली भी खंगाली जाएगी। मुस्लिम यतीमखाना के पास भी कई वक्फ संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों को लेकर कई किस्म की शिकायतें वक्फ बोर्ड को भेजी गई थीं। अब वक्फ बोर्ड की एक टीम शनिवार को यहां पहुंचेगी। यहां से जुड़ीं सभी वक्फ संपत्तियों की जांच करेगी। यहां भी संपत्तियां बेचे जाने के इल्जाम लगे हैं। इसकी शिकायत यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से की गई थी।
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