नई दिल्लीः एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए भारतीय ओलिंपिक संघ (आइओए) ने निशानेबाजी को बाहर किए जाने को लेकर 2022 बर्मिंगम राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार का प्रस्ताव रखा और सरकार से इसको मंजूरी देने को कहा है। खेल मंत्री किरण रिजिजू को लिखे पत्र में आइओए अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने इस आशय के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए उनसे मिलने का वक्त मांगा है।
इससे पहले भारतीय ओलिंपिक संघ ने राष्ट्रमंडल खेल महासंघ की आमसभा से नाम वापिस ले लिया था जो सितंबर में रवांडा में आयोजित होनी है। आईओए ने क्षेत्रीय उपाध्यक्ष पद के लिए राजीव मेहता तथा खेल समिति के मेंबर के रूप में नामदेव शिरगांवकर के नाम भी वापिस ले लिए थे। 2022 खेलों के बहिष्कार का प्रस्ताव रखते हुए आइओए अध्यक्ष बत्रा ने ‘भारत विरोधी मानसिकता’ के लिए सीजीएफ की निंदा की।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत के अच्छा प्रदर्शन करने पर हर बार नियमों में परिवर्तन की प्रयास की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत किसी भी देश का गुलाम नहीं है। आईओए प्रमुख बत्रा ने पत्र में लिखा ,‘‘हम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार का प्रस्ताव रखते हैं ताकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ को समझ में आए कि भारत विरोधी मानसिकता अब नहीं चलेगी।
सीडब्ल्यूजी में एक खास मानसिकता रखने वाले लोगों को समझना होगा कि भारत 1947 में आजाद हो चुका है और अब किसी का गुलाम नहीं है। भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भी है।’ उन्होंने लिखा ,‘‘हम काफी वक्त से देख रहे हैं कि भारत जब भी खेलों पर पकड़ बनाने लगता है , तब नियमों में परिवर्तन की कोशिश की जाती है। अब हमें कड़े प्रश्न पूछने होंगे और कड़े कदम उठाने होंगे।’ बत्रा ने कहा कि आईओए इतना बड़ा निर्णय नहीं ले सकता इसलिए उन्होंने खेलमंत्री से मिलने का वक्त मांगा है।
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