आईपीएल को कोरोना के कारण मार्च के महीने में अनिश्चित समय तक स्थगित कर दिया था बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और पूरी टीम ने पांच महीने बाद ही उसका सफल आयोजन करके दिखाया. कोरोना के खौफ के कारण इस बार बीसीसीआई ने आईपीएल का आयोजन तो किया लेकिन स्टेडियम में अपनी टीमों को चीयर करते फैंस गायब रहे. पूरा सीजन खाली स्टेडियम में खेला गया. फैंस स्टेडियम तो नहीं पहुंच पाए लेकिन लंबे समय बाद अपने पसंदीदा क्रिकेटर्स को एक्शन में देखने का मौका भला वह कैसे छोड़ सकते थे. लाइव दर्शक न होने के बावजूद भी टी20 की दुनिया की सबसे बड़ी लीग की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं दिखी. इस साल लोगों ने अपने घरों में बैठ कर इस लीग को अपना प्यार दिया और इतना प्यार दिया कि व्यूअरशिप के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.
स्टार इंडिया के अधिकारियों के मुताबिक इंडियन प्रीमियर लीग की टीवी व्यूअरशिप में इस साल रिकॉर्ड 23 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. लगभग 03.15 करोड़ लोगों ने इस सीजन को टीवी पर देखा. यह रेटिंग्स ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल द्वारा दी गई है. आईपीएल का ब्रॉडकास्ट हिंदी और अंग्रेजी के अलावा तमिल, बंगाली, तेलुगू और कन्नड़ में भी किया गया था जिससे व्यूअरशिप बढ़ने में मदद मिली. चैनल के मुताबिक इस सीजन में महिला दर्शकों में 24 प्रतिशत और बच्चों में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. स्टार इंडिया के स्पोर्ट्स हेड संजोग गुप्ता ने कहा, ‘आईपीएल के 13वें सीजन में हटकर प्रोडक्शन और प्रोग्रामिंग की गई थी, जिसका असर ग्राउंड और टीवी दोनों पर दिखा. यह सब बीसीसीआई के शानदार काम के बगैर मुमकिन नहीं था. उनकी वजह से ही ऐसे हालातों में टीमों को बायो बबल में रखते हुए यूएई में आईपीएल का सफल आयोजन हो पाया.’
इस साल आईपीएल के पहले ही मैच से व्यूअरशिप के रिकॉर्ड टूटने का सिलसिला शुरू हो गया था. मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेले गए सीजन ओपनर मुकाबले को करीब 20 करोड़ लोगों ने देखा था. देश में किसी भी खेल लीग के उद्घाटन मैच का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. किसी भी लीग को उसके पहले मैच में कभी इतनी बड़ी संख्या में दर्शक नहीं मिले थे.
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