ईरान की तरफ से संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी के निरीक्षकों को उन दो संदिग्ध स्थानों पर जाने की इजाजत देने पर रजामंदी जताई है. जिस स्थान पर अघोषित परमाणु सामग्री के भंडारण करने या उनका इस्तेमाल करने का शक जताया गया था.
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इस घोषणा के कुछ वक्त पश्चात ही ईरान के कट्टर दुश्मन अमेरिका को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा. वही, संयुक्त राष्ट्र ने इस्लामिक गणतंत्र पर पुनह अंतरराष्ट्रीय पाबंदी लगाने वाली विवादास्पद बोली को अवरुद्ध कर दिया है. 2015 ऐतिहासिक टारपीडो को अमेरिकी कदम से डराया गया था, जिसके बाद ईरान ने प्रतिबंध राहत के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने की सहमित जताई थी.इस डील को ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओेए) के नाम से जाना जाता है, जिसे अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्ष 2018 में वापस लेने का एकतरफा निर्णय लिया था. ईरान ने जेसीपीओेए के लिए अपनी प्रतिबद्धता को धीरे-धीरे कम करते जवाबी कार्यवाही की.
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इसके अलावा बुधवार को ईरान दो संदिग्ध स्थानों पर परमाणु निरीक्षकों को भेजे जाने पर रजामंदी जता चुका है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बताया कि ईरान स्वेच्छा से आईएईए की ओर से दिए गए दो जगहों की अनुमित दे रहा है और मुद्दों को सुलझाने के लिए आईएईए सत्यापन गतिविधियों की सुविधा प्रदान कर रहा है.अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी के राज्यपालों ने ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस की ओर से जून के अंत में एक प्रस्ताव जारी किया था. इसमें तेहरान ने निवेदन किया गया था कि वो दोनों स्थानों पर निरीक्षकों की पहुंच के लिए इजाजत दे.
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