वाशिंगटन: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, और इसके संकेत मिलते ही ईरान में चिंता बढ़ गई है। ट्रंप ने अभी राष्ट्रपति पद नहीं संभाला है, लेकिन ईरान को उनके सख्त रुख का डर सताने लगा है। चुनाव नतीजों में ट्रंप की बढ़त के बाद ईरान की मुद्रा का मूल्य गिरकर सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इस स्थिति में ईरान ने ट्रंप से आग्रह किया है कि वह उनके प्रति अपनाए गए सख्त रवैये में बदलाव लाएं।
ईरान के स्ट्रेटेजिक अफेयर के उपाध्यक्ष, मोहम्मद जवाद ज़रीफ, ने ट्रंप से अपील की है कि वे अपने पहले कार्यकाल की तरह 'अधिकतम दबाव' की नीति को दोबारा लागू न करें। जरीफ ने कहा कि ट्रंप को दिखाना चाहिए कि वे पिछली गलतियों को दोहराने के बजाय नई नीति अपना रहे हैं। इस अपील के बीच, वाशिंगटन ने तेहरान पर ट्रंप की हत्या की साजिश का आरोप लगाया है। अमेरिकी अधिकारियों ने एक अफगान मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर आरोप है कि वह ईरान के इशारे पर ट्रंप की हत्या की योजना बना रहा था।
अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने ईरान पर कई कठोर प्रतिबंध लगाए थे और ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को बगदाद में मार गिराया था, जिसके बाद से ईरान ने उनकी मौत का बदला लेने का संकल्प लिया था। ट्रंप की वापसी से इज़राइल में खुशी की लहर है, और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उनकी जीत को ऐतिहासिक बताया। दूसरी तरफ, ईरान की बाजार में गिरावट देखी गई, और ईरान के कारोबारियों को डर है कि ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद इज़राइल का समर्थन बढ़ सकता है और ईरान पर और भी कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
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