तेहरान: दिनों दिन बढ़ती जा रही कोरोना की मार से आज के समय में हर कोई परेशान है, हर तरफ इस वायरस के चलते परेशानी और तवाही का मंज़र देखने को मिल रहा है. वहीं ईरान ने कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से करीब 58 साल बाद आर्थिक मदद मांगी है. वर्ष 1962 के बाद पहली बार इस तरह की मदद मांगी गई है. जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मुल्क में 75 और मौत के साथ कोरोना से मरने वालों की संख्या 429 हो गई है. संक्रमित लोगों का आंकड़ा 10,000 हजार के पार पहुंच चुका है.
पांच अरब डॉलर का आपात कर्ज मांगा: मिली जानकारी के अनुसार ईरान के सेंट्रल बैंक के प्रमुख अब्दोलनसर हेम्मती ने बताया कि आइएमएफ से पांच अरब डॉलर (करीब 36 हजार करोड़ रुपये) का आपात कर्ज मांगा गया है. इसके लिए आइएमएफ प्रमुख को आग्रह पत्र लिखा गया है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि इस अंतरराष्ट्रीय संगठन ने सहायता मांग रहे है, जबकि ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ ने ट्वीट के जरिए आइएमएफ से आग्रह पत्र पर त्वरित जवाब देने की अपील की. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि ईरान के सभी राज्यों में कोरोना वायरस फैल गया है. यह लोगों के संपर्क में आने से तेजी से फैल रहा है. बुधवार को ईरान में 92 लोगों की मौत हो हुई है.
अमेरिकी कैदियों को रिहा करे ईरान: वहीं इस बात का पता चला है कि अमेरिका ने ईरान से कहा वह सभी अमेरिकी कैदियों को छोड़ दे. दरअसल, ऐसी रिपोर्टें सामने आई हैं जिनमें कहा गया है कि ईरान के सभी प्रांत इस घातक वायरस की चपेट में हैं और सभी ईरानी जेलों में भी कोरोना वायरस फैल गया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि किसी भी अमेरिकी कैदी की मौत जिम्मेदार ईरान होगा. ऐसी स्थिति में हम कड़ा रुख अख्तियार करेंगे.
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