तेहरान: इस्लामी मुल्क ईरान में हिजाब (Iran Anti Hijab Protest) के खिलाफ मुस्लिम महिलाएँ लगभग एक महीने से अधिक समय से सड़कों उतर कर प्रदर्शन कर रही हैं। इनमें स्कूल छात्राओं की भी काफी तादाद है। अब महिलाओं के आंदोलन को कुचलने के लिए ईरान की पुलिस इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले छात्र-छात्राओं को हिरासत में लेकर मानसिक अस्पतालों में भेज रही है।
ईरान के शिक्षा मंत्री यूसेफ नूरी ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान भी इस बात की पुष्टि की है। नूरी ने कहा है कि कुछ स्कूली छात्र-छात्राओं को हिरासत में लिया गया है और उन्हें ‘मनोवैज्ञानिक संस्थान’ में भेजा गया है। उन्होंने दलील दी है कि अधिकारी छात्राओं को सुधारने और उनके ‘असामाजिक’ व्यवहार को रोकने के लिए ये काम कर हैं। हालाँकि, शिक्षा मंत्री ने ये नहीं बताया कि ऐसे लोगों की तादाद कितनी है, जिन्हे मानसिक अस्पताल भेजा गया है।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन (Iran Anti Hijab Protest) के दौरान गत माह करीब 25 बच्चे मारे गए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने जानबूझकर युवाओं को टारगेट किया है। एमनेस्टी ने गुरुवार (13 अक्टूबर 2022) को जारी 19 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अकेले सितंबर के अंतिम 10 दिनों में कम-से-कम 23 बच्चों को मार डाला गया। इनमें से कुछ की आयु महज 11 वर्ष थी। एमनेस्टी के बयान में कहा गया कि पीड़ितों में 11 से 17 साल की उम्र के 20 लड़के और 3 लड़कियाँ शामिल हैं, जिनमें से दो की आयु 16 और 17 साल है। बता दें कि, सितंबर 2022 में पुलिस द्वारा की पिटाई से हुई महसा अमीनी की मौत के बाद से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन (Iran Anti Hijab Protest) से 3 अक्टूबर के बीच ईरान के सुरक्षा बलों ने 144 लोगों को मार डाला है।
महिला हज यात्रियों के लिए सऊदी अरब का बड़ा ऐलान, ख़त्म किया ये नियम
'तुम चोर हो..', पाकिस्तान की फिर हुई इंटरनेशनल किरकिरी, अमेरिका में बेइज्जत हुए मंत्री इशाक डार
ऑस्ट्रेलिया में यूपी के छात्र पर चाक़ू से हमला, अपराधी ने किए 11 वार, हालत नाजुक