तेहरान। अमेरिका द्वारा दी जाने वाली चेतावनी के बावजूद ईरान ने मिसाईल परीक्षण किया है। हालांकि इसके पहले ही ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा था कि, ईरान अपनी रक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रयास करेगा। वह अपनी बैलिस्टिक मिसाईल क्षमता को भी बढ़ाएगा। साथ ही, आवश्यक होने पर नौसेना, थल सेना और वायु सेना की क्षमताओं को भी बढ़ाएगा। उन्होंने कहा था कि, ईरान अपने देश की रक्षा के लिए किसी तरह का समझौता नहीं करेगा और, किसी की अनुमति के लिए नहीं रूकेगा।
गौरतलब है कि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाईल कार्यक्रम को लेकर कहा था कि, ईरान के साथ कारोबार करने वालों पर जुर्माना लगाया जाए साथ ही, जो लोग इस तरह के आयुध परीक्षण कार्यक्रम में शामिल हैं, उनके साथ भी आर्थिक व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में एक विधेयक पर उन्होंने हस्ताक्षर किए थे। जिसके बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया था।
अब ईरान ने मिसाईल परीक्षण कर, यह बताने का प्रयास किया है कि, वह किसी के द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंधों व विरोधी कार्रवाईयों से नहीं डरेगा जब उसे आवश्यकता होगी या फिर उसे लगेगा कि, रक्षातंत्र को मजबूत करने के लिए और अपने बचाव के लिए आयुध परीक्षण आवश्यक है तो, वह ऐसा जरूर करेगा।
ईरान ने बताया कि, मिसाईल परीक्षण कार्यक्रम वर्ष 2015 में ईरान द्वारा वैश्विक स्तर पर किए गए समझौते का उल्लंघन नहीं है और, यह पूरी तरह से उचित है। ये मिसाईलें परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम नहीं है। अमेरिका ने कहा है कि, ईरान की मिसाईल्स परमाणु आयुध ले जा सकती है। अमेरिका द्वारा ईरान के मिसाईल कार्यक्रम का विरोध किए जाने पर फ्रांस ने अमेरिका का समर्थन किया है।
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