हैदराबाद: 2013 में पदभार संभालने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा पर आए ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने शुक्रवार को अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है. अपनी 3 दिवसीय यात्रा पर भारत आए रूहानी ने हैदराबाद में एक मीटिंग के दौरान कहा कि, "अमेरिका की ताक़त नहीं है कि, वो येरुशेलम को इजराइल की राजधानी घोषित कर दे." ईरानी राष्ट्रपति ने हैदराबाद में एक प्रेस वार्ता के दौरान यह बात कही.
गौरतलब है कि, ट्रम्प ने कुछ दिनों पहले येरुशेलम को इजराइल की राजधानी घोषित कर दिया था, जिस पर अभी विवाद चल रहा है. भारत और ईरान के संबंध में बात करते हुए रुहानी ने कहा कि, ईरान और भारत उद्योग, कृषि और उन्नत प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में एक दूसरे को सहयोग कर सकते हैं. साथ ही दोनों देश एक दूसरे के हित में योगदान के लिए कदम उठा सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दोनों देशों को परस्पर हित में शांति व्यवस्था मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने इस्लाम के बारे में गलत पैग़ाम फैलाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि, आज मुसलमानों के बीच एकता की आवश्यकता है क्योंकि कुछ लोग इस्लाम में मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
रूहानी हैदराबाद से आज शाम दिल्ली के लिए रवाना होंगे, जहाँ वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे. इस दौरान भारत और ईरान आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. सूत्रों के अनुसार, रूहानी ईरान के दक्षिणपूर्व में स्थित चाबहार बंदरगाह की चाबी भारत के हवाले कर सकता है. गौरतलब है कि, भारत और ईरान के बीच गहरे आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध है. अब भारत अपनी वेस्ट एशिया पॉलिसी के तहत ईरान को अहम साथी बनाना चाहता है. 2016 में पीएम मोदी द्विपक्षीय यात्रा पर ईरान गए थे जहां दोनों देशों के बीच तब एक दर्जन समझौते हुए थे.
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