तेहरान: ईरान में हिजाब सम्बन्धी कानून बनने के बाद वहां की महिलाओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है. सोशल मिडिया से लेकर सड़कों तक सभी जगह ईरान की महिलाएं हिजाब के विरोद में खुलकर सामने आ रही हैं. आमतौर पर विरोध करने वाले विरोध प्रदर्शित करने के लिए काले रंग का इस्तेमाल करते हैं, चाहे वो रिबन हो या मास्क. किन्तु ईरान में हिजाब के विरोध में महिलाओं ने #whitewednesdays नाम से कैंपेन चला रखा है.
इस कैंपेन में ईरानी महिलाएं सफ़ेद स्कार्फ़ या किसी सफ़ेद रंग के कपडे से अपना सिर ढके नज़र आ रही हैं, यह उनके विरोध करने का ख़ास तरीका बताया जा रहा है. कुछ दिनों पहले ही ईरान की राजधानी तेहरान में, वहां की पुलिस ने हिजाब ना पहनने के आरोप में 29 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया था. इन सभी महिलाओं को इसलिए पकड़ा गया, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक जगहों पर हिजाब नहीं पहना था. जिसके बाद से महिलाओं में ज्यादा आक्रामकता देखने को मिल रही है.
आपको बता दें कि, 39 साल पहले ईरान अपने आधुनिक विचारों से अमेरिका और ब्रिटैन जैसे आधुनिक राज्यों को टक्कर देता था, तब वहां हिजाब सम्बन्धी कोई कानून नहीं था, लेकिन 1979 में आई इस्लामिक क्रांति ने ईरान कि महिलाओं को हिजाब कि बेड़ियों में जकड़ कर रख दिया. लेकिन आज की सच्चाई ये है, कि ईरान में अगर कोई महिला, बिना हिजाब के या सार्वजनिक जगहों पर बिना सिर ढके बाहर निकलती है, तो ना सिर्फ उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है, बल्कि उसे जेल भी हो सकती है.
सवाल यह उठता है कि यह कौन सा कानून है जिसमे एक महिला को अपनी मर्ज़ी के कपडे पहनने का भी अधिकार नहीं है, क्या हमे इस कानून की जरूरत भी है.
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