ईरान पर इजराइल के हमले के पश्चात् सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई का बयान सामने आया है। यह हमला शनिवार को हुआ था, तत्पश्चात, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरानी नेतृत्व की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा था। इजराइल के हमले में मारे गए चार ईरानी सैनिकों के परिजनों से मुलाकात के पश्चात् खामनेई ने कहा कि इस हमले को न तो बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना चाहिए और न ही इसे हल्के में लेना चाहिए।
हालांकि, उन्होंने इस पर जवाबी कार्रवाई के बारे में सतर्कता जताई है और कहा है कि ईरान स्थिति का गंभीरता से मूल्यांकन कर रहा है। साथ ही उन्होंने गाजा तथा लेबनान में जारी इजराइली हमलों को रोकने के प्रयासों पर भी जोर दिया। ईरानी सेना ने पहले ही कहा है कि गाजा एवं लेबनान में युद्धविराम इजराइल पर किसी जवाबी हमले से बेहतर है, हालांकि ईरानी अफसरों का कहना है कि उनके पास जवाब देने का अधिकार सुरक्षित है। सेना के इस बयान से संकेत प्राप्त होता हैं कि ईरान इस हमले के जवाब से ज्यादा गाजा-लेबनान में युद्धविराम को प्राथमिकता दे रहा है।
खामनेई ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "दो रात पहले इजराइली शासन की दुष्टपूर्ण कार्रवाइयों को न तो बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना चाहिए तथा न ही इसे हल्के में लेना चाहिए। इजराइली शासन को ईरानी राष्ट्र और उसके युवाओं की ताकत, इच्छाशक्ति एवं पहल को समझना आवश्यक है।" आगे उन्होंने कहा, "यह हमारे अफसरों का दायित्व है कि वे ईरानी जनता की शक्ति और इच्छाशक्ति को इजराइली शासन तक कैसे पहुंचाएं और ऐसी कार्रवाई करें जो राष्ट्र और देश के हित में हो।"
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