नई दिल्ली: प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने रेलवे टिकट की बुकिंग में हेरा-फेरी के मामले में आईआरसीटीसी के निदेशक को जांच करने का आदेश देते हुए उन्हें 60 दिन के भीतर रिपोर्ट को पेश करने के लिए कहा है। वहीं आयोग ने यह आदेश दो यात्रियों मीत शाह और आनंद रंधावा की शिकायत के बाद दिया है। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर उन्हें पांच रुपये के गुणांक में राउंडिंग आफ कर दिया जाता है।
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यहां बता दें कि उदाहरण के तौर पर यदि किराया 552 है तो आप से 555 रुपये ही वसूले जाएंगे।इसके लिए यदि सात रुपये वाले चार टिकट बुक करवाए जाएं तो कुल राशि 28 रुपये पर ही राउंडिंग आफ लगाकर 30 रुपये लेने चाहिए। लेकिन आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर सात रुपये का एक टिकट 10 रुपये में देकर चार टिकट 40 रुपये में दिए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे ने इसके जरिए 18 करोड़ रुपये कमा लिए हैं। क्योंकि रेलवे का बाजार में वर्चस्व है उसकी प्रतिस्पर्द्धा में कोई और कंपनी नहीं है। उपभोक्ता को आईआरसीटीसी के पास ही जाना पड़ता है।
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गौरतलब है कि इस मामले पर प्रतिस्पर्द्धा आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान आईआरसीटीसी और रेलवे ने अपना बचाव करते हुए कहा कि रेलवे की संचालन लागत बहुत ज्यादा है और लोगों को टिकट बहुत अधिक सब्सिडी पर दिया जाता है। वहीं राउंडिंग आफ करने से लेन-देन के समय की बचत होती है तथा बुकिंग प्रक्रिया तेजी से निपट जाती है। राउंडिंग आफ से आया पैसा किसी अलग खाते में नहीं जाता है।
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