AAP भ्रष्ट है या नहीं..? पहले कांग्रेस खुद तय कर ले, 3 बार बदल चुकी है बयान..!

AAP भ्रष्ट है या नहीं..? पहले कांग्रेस खुद तय कर ले, 3 बार बदल चुकी है बयान..!
Share:

नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। कांग्रेस ने AAP को 'अल्कोहल अफेक्टेड पार्टी' करार दिया है और आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने शराब घोटाले के ज़रिए दिल्ली को बर्बाद कर दिया। कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में न सिर्फ AAP पर निशाना साधा, बल्कि उनके ही विधायक शरद चौहान का एक ऑडियो पेश किया, जिसमें पार्टी के अंदर हुए शराब घोटाले का जिक्र है।  

पवन खेड़ा ने कहा कि यह ऑडियो इस बात का सबूत है कि केजरीवाल सरकार ने चुनावी फंडिंग के लिए शराब कंपनियों से पैसे लिए और दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया, जो AAP सरकार के शिक्षा मंत्री भी थे, ने खुलेआम कहा कि चुनाव लड़ने के पैसे शराब की पॉलिसी से ही आएंगे। खेड़ा ने आगे कहा कि यह वही पार्टी है, जो साफ राजनीति का दावा करते हुए सत्ता में आई थी, लेकिन सच्चाई यह है कि इनके नेता और मंत्री भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त हैं।  

AAP पर शराब घोटाले का यह आरोप नया नहीं है। दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने ही सबसे पहले इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस नेताओं ने मनीष सिसोदिया और अन्य पर शराब नीति के तहत भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद ईडी और सीबीआई ने जांच शुरू की। इसी जांच के दौरान केजरीवाल को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया और बाद में कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लेकिन इस पूरे मामले में कांग्रेस का रुख विरोधाभासी रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जब AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने INDIA गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया, तो कांग्रेस ने अचानक अपना रुख बदल लिया। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी नेताओं ने जेल से केजरीवाल की रिहाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किए। यही नहीं, सोनिया गांधी ने खुद अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया, जबकि पहले उन्हीं की पार्टी के नेताओं ने शराब घोटाले की शिकायत की थी।  

 

यह विरोधाभास तब और गहरा हो गया, जब अरविंद केजरीवाल की पत्नी, सुनीता केजरीवाल, एक मंच पर सोनिया गांधी के साथ खड़ी दिखीं। उस मंच पर पूरा विपक्ष मौजूद था, जो केजरीवाल को निर्दोष बताने और उनकी रिहाई की मांग कर रहा था। लेकिन अब, जब दिल्ली चुनाव करीब हैं, कांग्रेस फिर से AAP पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। यहाँ सवाल यह उठता है कि कांग्रेस खुद तय नहीं कर पा रही कि AAP भ्रष्ट है या नहीं। क्या AAP ने शराब घोटाले के ज़रिए दिल्ली की जनता को धोखा दिया, जैसा कि कांग्रेस अब दोबारा कह रही है? अगर हाँ, तो फिर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल का समर्थन क्यों किया? क्या यह सब राजनीतिक लाभ के लिए था?  

 

इसी तरह, अरविंद केजरीवाल का रुख भी विरोधाभासी रहा है। राजनीति में आने से पहले केजरीवाल कहते थे कि सोनिया गांधी को गिरफ्तार करो, सारा भ्रष्टाचार सामने आ जाएगा। लेकिन जब खुद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और जेल जाना पड़ा, तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल उन्हीं सोनिया गांधी के बगल में खड़ी होकर भाषण देती नज़र आईं। आज कांग्रेस AAP को भ्रष्ट बता रही है, लेकिन जनता कांग्रेस की बातों पर कैसे विश्वास करे, जब खुद कांग्रेस का रुख बार-बार बदलता रहा है? क्या यह वही कांग्रेस है, जिसने देश को कई प्रधानमंत्री दिए और अब गांधी परिवार का चौथा सदस्य प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बन चुका है?  

 

दिल्ली की जनता इन विरोधाभासों को बखूबी देख रही है। सवाल सिर्फ AAP के भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि कांग्रेस की साख का भी है। जब कांग्रेस एक तरफ AAP के खिलाफ शिकायत दर्ज कराती है और दूसरी तरफ उनका बचाव करती है, तो यह न सिर्फ जनता के साथ धोखा है, बल्कि राजनीतिक नैतिकता का भी मजाक है। जनता को यह तय करना होगा कि इन दोनों दलों में से कौन उनके हित में है और कौन केवल सत्ता के लिए राजनीति कर रहा है।

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
- Sponsored Advert -