अहमदाबाद: गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के कलेक्टर दिग्विजयसिंह जडेजा ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सफाई दी है, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने अवैध निर्माणों को हटाने के आदेश दिए थे, जिनमें कुछ इस्लामी ढाँचे भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि ये सभी निर्माण सार्वजनिक जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके बनाए गए थे, इसलिए उन्हें हटाने के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना मानने से इनकार किया।
कलेक्टर जडेजा ने कहा कि उन्होंने अपने दायित्वों का पालन करते हुए यह कार्रवाई की और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से सम्मान किया है। यदि इसके बावजूद उन्हें अवमानना के दोषी ठहराया जाता है, तो वे सर्वोच्च न्यायालय से माफी माँगने को तैयार हैं। कलेक्टर ने यह भी बताया कि जिन जमीनों पर अवैध निर्माण तोड़े गए, वे अरब सागर के तट पर स्थित थीं। यह जवाब मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर एक अवमानना याचिका के जवाब में आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गिर सोमनाथ में की गई कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हुआ है। मुस्लिम पक्ष ने याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर, 2024 को सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमण को छोड़कर अन्य निर्माणों को गिराने पर रोक लगाई थी।
कलेक्टर ने बताया कि 27 सितंबर, 2024 को प्रशासन ने गिर सोमनाथ में हाजी मंगरोलीशा पीर दरगाह, हजरत माईपुरी, सीपे सालार, और मस्तानशा बापू जैसी दरगाहों सहित अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया था। इस दौरान विरोध प्रदर्शन भी हुए थे, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए कार्रवाई को शांतिपूर्ण ढंग से अंजाम दिया और लगभग 70 लोगों को हिरासत में लिया।
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