इस्लामाबाद: अक्सर आपने इस्लामी मौलाना-मौलवियों को ये कहते हुए सुना होगा कि, इस्लाम में किसी दूसरे धर्म के धार्मिक स्थल को तोड़कर मस्जिद बनाना गुनाह है, ऐसी मस्जिद से अल्लाह नमाज़ कबूल ही नहीं करता है। ये तर्क तब दिए जाते हैं, जब मुगल सम्राटों द्वारा भारत में मंदिरों को उजाड़कर उनपर बनाई गई मस्जिद को वापस सौंपने की मांग उठती है, तब ये कह दिया जाता है कि, इस्लाम में तो ऐसा होता ही नहीं है। बेशक, इस्लाम इसकी इजाजत न देता हो, लेकिन कट्टरपंथी अपनी सनक में इस्लाम के खिलाफ काम करने से भी गुरेज नहीं करते।
2 Hindu temples and a Gurudwara are now mosques in Pakistan.
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) June 12, 2024
The hallowed voices of Ram Bhajan & Gurbani have been overpowered by the echoes of Allah Hu Akbar.pic.twitter.com/hdKVfEoghD
सच्चाई तो ये है कि, दुनिया में खलीफा के नाम से मशहूर तुर्की ने हाल ही में दो प्राचीन चर्चों को मस्जिद में तब्दील कर दिया है, अब वहां से नमाज़ें कबूल होंगी या नहीं, ये शायद किसी मौलाना ने तुर्की को नहीं बताया। हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी इस मामले में पीछे नहीं है। पाकिस्तान का पंजाब इलाका, जो कभी हिंदुओं और सिखों की बड़ी आबादी से गुलजार हुआ करता था, आज ये दोनों समुदाय यहां पर गिनती के ही बचे हैं। ये बात जगजाहिर है कि, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक होने का मतलब कट्टरपंथियों के डर के साये में जिंदगी बिताना है। अब पाकिस्तान में भी हिंदुओं और सिखों के धार्मिक स्थलों पर कब्जा करके उन्हें मस्जिदों में तब्दील कर दिया गया है। ये काम पंजाब प्रान्त के सरगोधा में हुआ है। यहाँ पर दो प्राचीन हिन्दू मंदिरों और एक गुरूद्वारे को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है। अब इस मंदिर में हिंदुओं को आने की भी अनुमति नहीं है। मंदिर के साथ ही जुड़े एक गुरुद्वारे को भी मस्जिद का हिस्सा बना दिया गया है।
पाकिस्तान के व्लॉगर माखनराम जटपाल ने किसी तरह इस मंदिर में जाकर इसकी सच्चाई वीडियो पर दर्शाई है, जो बताता है कि पाकिस्तान में किस प्रकार हिंदुओं और सिखों पर जुल्म किया जा रहा है। सरगोधा के जिस मंदिर को मस्जिद में तब्दील किया गया है, उसकी दीवारों पर आज भी हिंदू देवी देवताओं की उपासना के मंत्र अंकित हैं। एक वीडियो में गायत्री मंत्र स्पष्ट नज़र आ रहा है। माखनराम ने बताया कि मस्जिद बनाए जाने से पहले इसका नाम पहले सनातन धर्म मंदिर हुआ करता था। माखनराम जटपाल ने अपने व्लॉग में बताया है कि इस मंदिर के बगल में ही सच्चा सौदा नाम का गुरुद्वारा मौजूद था, जो अब मस्जिद का हिस्सा है। गुरुद्वारे में अब कुछ मुस्लिम परिवारों को रहने के लिए दे दिया गया है।
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