वाशिंगटन: यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच भारत, रूस से खूब तेल खरीद रहा है। इस बात को लेकर यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों के नेता भारत की आलोचना कर चुके हैं। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ का कहना है कि 'भारत जो कर रहा है, वह बिल्कुल सही है।' बता दें कि हाल ही में G7 और उसके सहयोगी देशों ने रूसी तेल की कीमतों की सीमा (प्राइस कैप) निर्धारित कर दी है।
मीडिया से बात करते हुए गोपीनाथ ने कहा कि दुनिया के दृष्टिकोण से, जो सबसे अहम है, वह यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में तेल की सप्लाई उच्च स्तर पर बनी रहे। ऐसे में भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना वर्तमान में अमेरिका और यूरोप की प्राइस कैप रणनीति के मुताबिक ही है। गोपीनाथ ने कहा कि, 'हमें बाजार में तेल की सप्लाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता है और यदि भारत जैसे देश इसे (तेल) कम कीमत पर खरीद रहे हैं तो, मुझे लगता है कि यह बिल्कुल सही है।' G20 की बैठकों में शामिल होने के लिए गोपीनाथ इन दिनों भारत आई हुईं हैं।
बता दें कि अमीर देशों के ग्रुप जी 7 और ऑस्ट्रेलिया इस महीने की शुरुआत में रूसी तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल निर्धारित करने पर सहमत हुए। इन देशों का कहना है कि वे इससे रूस पर शिकंजा कसेंगे ताकि वह यूक्रेन युद्ध के लिए संसाधनों को न खरीद सके। हालांकि भारत ने G7 के इस कदम का समर्थन नहीं किया है। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदना जारी रखने के भारत के फैसले की आलोचना की है। जहां भारत ने कई बार यूक्रेन में शांति वार्ता की अपील की है, वहीं भारत अपने रुख पर अडिग रहा है कि जहां से उसे अच्छा सौदा मिलेगा, वह वहां से तेल खरीदना जारी रखेगा।
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