छोटे बच्चों की देखभाल में एक छोटी सी गलती भी उनकी सेहत पर गहरा असर डाल सकती है। भारत में परंपरागत रूप से छोटे बच्चों की आंखों में काजल लगाया जाता है। पहले के समय में काजल के केमिकल-फ्री रूप का उपयोग किया जाता था, और इसे आंखों को सुंदर और स्वस्थ बनाने का तरीका माना जाता था। हालांकि, आज के समय में केमिकल युक्त काजल का उपयोग करना बच्चों की आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है।
काजल के नुकसान
खुजली और जलन: मार्केट से खरीदे गए केमिकल युक्त काजल के उपयोग से बच्चों की आंखों में खुजली हो सकती है, साथ ही आंखों में रेडनेस और जलन भी हो सकती है।
पानी बहना: काजल लगाने से बच्चों की आंखों में एलर्जी हो सकती है, जिससे आंखों से पानी बहने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
आंखों की रोशनी पर असर: नियमित रूप से काजल लगाने से बच्चों की आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है, जिससे उनकी आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है।
इंफेक्शन का खतरा: बच्चों की त्वचा अत्यंत संवेदनशील होती है। काजल लगाने के दौरान उंगलियों का उपयोग करने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, अगर काजल बच्चे के मुंह में चला जाए, तो पेट की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
काजल के निर्माण की जानकारी
काजल बनाने में 50% लेड का उपयोग किया जाता है, जो न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़े लोगों के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
सुरक्षित विकल्प
अपने बच्चे को इन समस्याओं से बचाने के लिए काजल का उपयोग न करें। उनकी आंखों की सुरक्षा के लिए सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्पों का चयन करें।
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