नई दिल्ली: हम में से काफी सारे लोगों ने निम्बूज (Nimbooz) पिया होगा, मगर क्या आपने कभी सोचा है कि यह एक नींबू पानी है या फ्रूट जूस? यदि नहीं तो, अब सर्वोच्च न्यायालय इस पर फैसला देने जा रहा है कि यह नींबू पानी है या फ्रूट जूस। दरअसल, शीर्ष अदालत इस बात पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है कि पॉपुलर सॉफ्ट ड्रिंक 'निंबूज' नींबू पानी है या फ्रूट पल्प या या जूस बेस्ड ड्रिंक है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित किए जाने के बाद, इस प्रोडक्ट पर लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क की सही मात्रा निर्धारित होगी।
बता दें कि 'निंबूज' को 2013 में पेप्सिको द्वारा लॉन्च किया गया था और ड्रिंक को बगैर फिज के असली नींबू के रस से निर्मित कहा गया था। इससे इसके वर्गीकरण के संबंध में बहस छिड़ गई - क्या इसे नींबू पानी या फ्रूट जूस/ फ्रूट पल्प पर आधारित रस माना जाना चाहिए। याचिका पर न्यायमूर्ति एमआर शाह और बीवी नागरत्न की दो-न्यायाधीशों की बेंच द्वारा सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को सुनवाई में घोषणा की थी। मामला मार्च 2015 से लंबित है, और शीर्ष अदालत के फैसले के आधार पर, 'निंबूज' का वर्गीकरण होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, याचिका आराधना फूड्स नाम की एक कंपनी ने दाखिल की है, जो चाहती है कि इस ड्रिंक को 'फ्रूट पल्प या फ्रूट जूस बेस्ड ड्रिंक' की मौजूदा स्थिति के बजाय नींबू पानी के रूप में वर्गीकृत किया जाए। शीर्ष अदालत में अप्रैल में याचिका पर सुनवाई होने की संभावना है।
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