इस्लामाबाद: पाकिस्तानी क्रिकेटर आजम खान को रविवार (26 नवंबर) को कराची में राष्ट्रीय T20 टूर्नामेंट खेलने के दौरान ICC के कपड़े और उपकरण नियमों का उल्लंघन करने के लिए उनकी मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था। कराची व्हाइट्स के लिए खेलते हुए, आज़म अपने बैट पर फ़िलिस्तीन का झंडा लगाते हुए बल्लेबाजी करने आए थे। यह आज़म द्वारा फिलिस्तीन मुद्दे का समर्थन करने और युद्धग्रस्त राष्ट्र में पीड़ितों के साथ खड़े होने का एक प्रयास था।
PCB has fined Azam khan 50% of the match fee for using Palestine flag on his bat. Are we really living in independent Islamic state? Sorry Palestine, sorry Jinnah, we failed you. pic.twitter.com/NZ0xT4dEG5
— Faizi (@faizanrriaz) November 26, 2023
हालाँकि, ICC के नियम और विनियम क्रिकेटरों को अपने कपड़ों या उपकरणों जैसे बल्ले, दस्ताने पर कोई भी लोगो या संदेश लगाने की अनुमति नहीं देते हैं, जो राजनीतिक, धार्मिक, बयान देता हो। ICC की इस आचार संहिता का पालन घरेलू मैचों में भी सभी सदस्य बोर्डों को करना होगा। इसके बाद आजम पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आजम ने उसी टूर्नामेंट के पिछले दो मैचों में बल्ले पर झंडा लहराया था, लेकिन उन्हें कभी किसी से चेतावनी नहीं मिली। बता दें कि, अक्टूबर में, पाकिस्तान पुरुष क्रिकेट टीम के लगभग सभी सदस्यों ने सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन के लिए अपना समर्थन दिखाया था। दरअसल, विकेटकीपर और बल्लेबाज मोहम्मद रिज़वान ने विश्व कप में श्रीलंका के खिलाफ अपना मैच विजयी शतक गाजा में युद्ध के पीड़ितों को समर्पित किया था। हालाँकि, यह ICC के कोड का उल्लंघन नहीं था। PCB ने तब कहा था कि "टीम की एकजुटता की अभिव्यक्ति एक व्यक्तिगत निर्णय था।"
Is this an organisation of Islamic Republic?
— Anees ul Hasnain (@AneesulHasnain8) November 27, 2023
Instead, they need to praise Azam Khan.
Indirectly, PCB is supported @IDF
and @netanyahu#ShameOnPCB pic.twitter.com/g5XCt1EcX7
इससे पहले 2019 में, भारतीय कप्तान एमएस धोनी को विश्व कप के दौरान वो दस्ताने पहनने से रोक दिया गया था, जिस पर भारत के पैरा स्पेशल फोर्सेज का प्रतीक चिन्ह था। धोनी पर ICC की आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा था, लेकिन ICC ने धोनी पर कोई जुर्माना नहीं लगाया था। कपड़ों और उपकरणों पर ICC के आधिकारिक दिशानिर्देशों के अनुसार, जो उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है, "खिलाड़ियों और टीम अधिकारियों को आर्म बैंड या कपड़ों या उपकरणों से जुड़ी अन्य वस्तुओं को पहनने, प्रदर्शित करने या अन्यथा संदेश देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
इससे पहले 2014 में, इंग्लैंड के क्रिकेटर मोइन अली ने एक अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान 'सेव गाजा' रिस्टबैंड पहना था और ICC ने उन्हें मैदान पर कोई राजनीतिक संदेश नहीं दिखाने के लिए फटकार लगाई थी। बाद में ICC ने उन पर वही रिस्टबैंड पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था। ध्यान रहे कि, क्रिकेट में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक बयानों के बीच एक अस्पष्ट क्षेत्र है। दुनिया भर के कई क्रिकेटरों ने घुटने पर बैठकर 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन का समर्थन किया और 2003 विश्व कप के दौरान हेनरी ओल्ंगा, एंडी फ्लावर को उनके काले आर्मबैंड प्रदर्शन के लिए सराहा गया, ICC ने इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की थी।
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