14 अक्टूबर 2024 को मुंबई से उड़ान भरने वाली तीन फ्लाइटों को बम की धमकी मिली, जिसने यात्रियों के बीच तनाव पैदा कर दिया। इनमें से पहली फ्लाइट एयर इंडिया की थी, जो मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही थी। दूसरी और तीसरी फ्लाइट इंडिगो की थीं। एयर इंडिया की फ्लाइट को डायवर्ट कर दिया गया, जबकि इंडिगो की फ्लाइटों को आइसोलेशन बे में भेजकर उनकी जांच की जा रही है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई सवाल उठने लगे कि क्या ऐसे हालात में विमान में सवार यात्रियों को पैराशूट दिया जाता है या नहीं। चलिए, इस पर विस्तार से बात करते हैं।
कमर्शियल फ्लाइट में पैराशूट: एक आम सवाल
अक्सर लोग सोचते हैं कि इमरजेंसी में यात्रियों को पैराशूट क्यों नहीं दिया जाता। इसका सीधा सा जवाब यह है कि कमर्शियल फ्लाइट्स में यात्रियों को पैराशूट नहीं दिए जाते। इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे पहला और मुख्य कारण है सुरक्षा। कमर्शियल विमान अत्यधिक सुरक्षित होते हैं और उन्हें विभिन्न सुरक्षा मानकों के अनुसार डिज़ाइन और टेस्ट किया जाता है। विमान में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और ट्रेनिंग से लैस पायलट होते हैं, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में विमान को सुरक्षित तरीके से उतारने की योजना बनाते हैं।
इमरजेंसी में पैराशूट क्यों नहीं?
अब सवाल उठता है कि अगर कोई गंभीर आपातकालीन स्थिति हो जाए, तो पैराशूट क्यों नहीं दिया जाता। इसका एक बड़ा कारण यह है कि पैराशूट का इस्तेमाल आसान नहीं होता। इसे चलाने के लिए विशेष ट्रेनिंग की जरूरत होती है। अगर बिना ट्रेनिंग के यात्रियों को पैराशूट दे दिया जाए, तो यह उनके लिए खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, कमर्शियल विमान की संरचना ऐसी होती है कि उसमें पैराशूट पहनकर बाहर कूदना संभव नहीं है। विमान से कूदने के दौरान यात्रियों को कई तरह के खतरे होते हैं, जैसे कि विमान के इंजन की चपेट में आ जाना। अगर कोई यात्री इस तरह से कूदता है, तो उसकी जान जाने का जोखिम होता है और इससे पूरे विमान को भी खतरा हो सकता है।
विमान में आपातकालीन प्रोटोकॉल
आपातकालीन स्थिति में, पायलट के पास कई प्रोटोकॉल होते हैं जो विमान को सुरक्षित तरीके से उतारने में मदद करते हैं। विमान में सुरक्षा के अन्य साधन जैसे ऑक्सीजन मास्क, लाइफ जैकेट और आपातकालीन लैंडिंग के उपाय पहले से मौजूद होते हैं। पायलट और क्रू को इस तरह की आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया होता है, जिससे वे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
पैराशूट का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?
कमर्शियल विमान से बाहर कूदना कोई आसान काम नहीं है। विमान की ऊंचाई, गति और वातावरण ऐसे होते हैं कि कूदने के बाद जीवित बच पाना लगभग नामुमकिन होता है। इसके अलावा, विमान में स्पेस भी सीमित होता है, और इस दौरान पैराशूट पहनना और उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना बेहद मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि कमर्शियल उड़ानों में पैराशूट देने का कोई प्रावधान नहीं होता। कमर्शियल फ्लाइट्स में यात्रियों की सुरक्षा के लिए अन्य कई उपाय होते हैं, और पैराशूट का इस्तेमाल व्यावहारिक नहीं है। पायलट और क्रू आपातकालीन स्थिति में पहले से तय प्रोटोकॉल के अनुसार कार्य करते हैं ताकि विमान और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसीलिए, पैसेंजर फ्लाइट्स में पैराशूट की आवश्यकता नहीं होती।
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