नई दिल्ली : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कोड वर्ड्स का उपयोग करते थे। दरअसल दिल्ली पुलिस के अनुसार पाकिस्तान के एजेंट कैफेतुल्लाह खान और अब्दुल रशीद कोड वर्ड में चर्चा करते थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार पाकिस्तानी एजेंट कैफेतुल्लाह खान और अब्दुल रशीद ने पूछताछ के दौरान ये बातें कहीं। दरअसल पुलिस को उनके मोबाईल की रिकाॅर्डिंग से जानकारी मिली और फिर पुलिस कोडवर्ड तोड़ने में सफल हुई।
इन लोगों द्वारा एक दूसरे से कोड वर्ड में चर्चा की जाती थी। चर्चा में यह बात सामने आई है कि हैंडलर और एजेंट अलग-अलग तरह के शब्दों का उपयोग करते थे। जिसमें दवा का उपयोग जानकारी के लिए किया जाता था। एक्स-रे शब्द का उपयोग लीक हुए दस्तावेजों की जानकारी बताने के लिए किया जाता था। भाईजान शब्द का उपयोग खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के लिए किया जाता था।
डाॅक्टर और सर्जन का उपयोग सेना या फिर बीएसएफ के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए किया जाता था। संदिग्धों के पास से सुरक्षाबलों को संवेदनशील दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों में युद्ध के दस्तावेज संबंधी और युद्ध की तैयारी के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं जम्मू-कश्मीर में बाॅर्डर सिक्योरिटी फोर्स की तैनाती से जुड़े दस्तावेज हासिल हुए हैं। कश्मीर में वायु सेना की तैनाती के दस्तावेज भी मिले हैं।
माना जा रहा है कि इन आतंकियों के पास कई महत्वपूर्ण जानकारियां थीं। जिससे ये किसी हमले को लेकर आईएसआई की मदद कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि आईएसआई की साजिशों को दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने असफल कर दिया। जहांगीर को भी इस मामले में पकड़ लिया गया है।