श्रीनगर: 22 अप्रैल को जम्मू एनकाउंटर में दो पश्तो भाषी विदेशी आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ही खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि हक्कानी नेटवर्क की सहायता से किया गया हमला ISI की करतूत हो सकता है। हक्कानी नेटवर्क अधिकतर पूर्वी अफगानिस्तान और उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में ऑपरेट करता है, जिसका ISI के साथ गहरा संबंध है।
ADGP मुकेश सिंह ने सुंजुवां एनकाउंटर के बाद कहा था कि आतंकवादियों को अपने घर में पनाह देने वाले उनके एक गिरफ्तार सहयोगी शफीक अहमद ने पुलिस को सूचित किया था कि दोनों उग्रवादी पश्तो बोलते हैं। जम्मू-कश्मीर में पश्तून आतंकवादियों की उपस्थिति ने केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों के लिए भी अलर्ट कर दिया है। एजेंसियां जम्मू में आतंकवादियों को खड़ा करने के पीछे खूंखार आतंकी समूह हक्कानी नेटवर्क की संलिप्तता के बारे में जानने का प्रयास कर रही हैं।
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन की स्थापना के बाद से ऐसी आशंकाएं थीं कि घाटी में स्थानीय भर्ती के कम होने की वजह से ISI द्वारा उग्रवादियों को कश्मीर की तरफ मोड़ा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के सैन्य खुफिया सूत्रों ने बताया कि ऐसी आशंकाएं थीं कि आतंकी हक्कानी नेटवर्क का हिस्सा थे क्योंकि उनकी डिटेल विद्रोही समूह से बिल्कुल फिट बैठती है।
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