नई दिल्ली. वाहन दुर्घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. सलाहें दी जाती है कि हेलमेट पहना जाए, किन्तु कोई इसे मानता नहीं. इस ओर बढ़ते हुए ISI हेलमेट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि टू-व्हीलर व्हीकल के लिए हेलमेट पहनना जरूरी है. एसोसिएशन ने साथ ही हलकी क्वालिटी वाले हेलमेट के उपयोग पर भी पाबंदी लगाने की मांग की है. एसोसिएशन ने प्रत्यक्ष रूप से हेलमेट पर प्रत्यक्ष रूप से जीएसटी लगाने के खिलाफ भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
एसोसिएशन ने मिनिस्ट्री ऑफ़ रोड ट्रांसपोर्ट एन्ड हाइवे द्वारा जारी रोड एक्सीडेंट रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 11 सालो से सड़क दुर्घटनाओं में 9.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस दुर्घटना के आंकड़ों की बात करे तो लगभग 10,135 दोपहिया सवारों ने निम्न क्वालिटी के हेलमेट पहने थे या हेलमेट का इस्तेमाल ही नहीं किया था. जीएसटी के हाई रेट के कारण निम्न क्वालिटी की हेलमेट की बिक्री बढ़ सकती है. बीते वर्ष भारत में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालो में दोपहिया चालकों की संख्या 19 प्रतिशत थी.
भारत में लगभग 218 कंपनियां है जो हेलमेट बनाने का काम करती है. इनमे सिर्फ 3 ही ऐसे ब्रांड है जो ISI वाले हेलमेट का निर्माण करते है. इन कम्पनी का नाम है स्टीलबर्ड, स्टड और वेगा. इस मामले पर सरकार को ISIHMA ने सलाह दी है कि देश में सिर्फ ISI मार्क वाले हेलमेट ही मैन्युफेक्चर होना और बिकना चाहिए. इसके साथ ही हेलमेट पर जीएसटी न लगे.
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