वॉशिंगटन। येरूशलम को इज़रायल की राजधानी की मान्यता देने और न देने को लेकर वैश्विक तौर पर विवाद गहरा गया है। जहां कुछ देश इसे राजधानी के तौर पर मान्यता देना चाहते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यदि ऐसा होता है तो फिर यह शांति की पहल के विरूद्ध होगा। ऐसे में कई बड़ी परेशानियां सामने आ सकती हैं। हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने येरूशलम को इज़रायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा कर दी है और अब अमेरिका अपने दूतावास को येरूशलम में शिफ्ट करने की तैयारी में है।
इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी प्रशासन को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व के प्रेसिडेंट्स ने इस मामले में अभियान चलाया मगर वे इस तरह के वादे को पूर्ण करने में असफल रहे लेकिन आज मैं अपने इस वादे को पूर्ण कर रहा हूूॅं।
अमेरिका द्वारा येरूशलम को राजधानी के तौर पर मान्यता दिए जाने के बाद अब, फ्रांस, मिस्त्र व ब्रिटेन समेत 8 देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित की है। तो दूसरी ओर ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर शांति के प्रयासों में लगे हैं। फिलिस्तीन के मसले पर भारत का रूख एक जैसा है और वह इस मामले में स्वतंत्र है। हालांकि अब संभावना है कि येरूशलम को राजधानी घोषित किए जाने के बाद विश्वभर में हिंसक अभियान प्रारंभ हो सकते हैं। इस्लामिक चरमपंथी व जेहादी विश्वभर में हिंसक गतिविधियां बढ़ा सकते हैं।
आतंकवाद पूरी मानव जाति के लिए अपराध -सुषमा
कश्मीर की बर्फीली वादियों में आग उगलती बंदूकें
मुस्लिम विरोधी ट्वीट पर ट्रंप का पैंतरा