बैंगलोर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार (14 सितंबर) को केन्या के नैरोबी से नई दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक प्रमुख फरार आतंकी साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है। अराफात अली को एयरपोर्ट पर उतरते ही हिरासत में ले लिया गया, जो IS या ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवंत) के विदेशी-आधारित मॉड्यूल की साजिश को उजागर करने और विफल करने के अपने प्रयासों में NIA की बड़ी सफलता है।
रिपोर्ट के अनुसार, अली 2020 से फरार चल रहा था, जब उस पर ISIS की प्रचार गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी कृत्यों की योजना बनाने का आरोप लगाया गया था। वह तब से IS के भारत विरोधी आतंकी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए विदेश से काम कर रहा था। NIA की जांच से पता चला है कि कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले का निवासी अली विदेश से काम करते हुए भोले-भाले मुस्लिम युवाओं की पहचान, कट्टरपंथ और ISIS में भर्ती में सक्रिय रूप से शामिल था।
NIA ने कहा है कि, "शिवमोग्गा आतंकी साजिश मामले के तहत, मोहम्मद शारिक नाम का एक आरोपी, मंगलुरु के कादरी मंजुनाथ मंदिर में प्रेशर कुकर IED लगाने जा रहा था, तभी ऑटो रिक्शा में गलती से IED ब्लास्ट हो गया। अराफात अली मामले में अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ सक्रिय संपर्क में था, और साजिश की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल था।'' NIA की जांच के अनुसार, अली 2020 के दो मंगलुरु भित्तिचित्र मामलों के लिए भी जिम्मेदार था, जब उसके निर्देश पर, मोहम्मद शारिक और माज़ मुनीर अहमद के रूप में पहचाने गए दो अन्य आरोपियों ने दीवारों पर लिखा था कि, "हमें संघियों (RSS) और मनुवादियों से निपटने के लिए लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान को आमंत्रित करने के लिए मजबूर न करें #लश्कर जिंदाबाद”। NIA ने कहा कि, "मामले में अली और अन्य संदिग्धों के खिलाफ जांच जारी है।" यह भी गौर करें कि, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी अक्सर अपने भाषणों में RSS को निशाना बनाते रहते हैं और उसे कट्टरपंथी और फांसीवादी संगठन बताते रहते हैं। ऐसे में ये भी एक बड़ा सवाल है कि, आतंकियों और कांग्रेस, दोनों का एक ही दुश्मन RSS क्यों है ?
मोहम्मद शारिक की गिरफ़्तारी पर क्या बोली थी कांग्रेस :-
बता दें कि, कर्नाटक कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) ने मंगलुरु बम विस्फोट के आरोपित मोहम्मद शरीक को क्लिनचिट देने की कोशिश की थी। कांग्रेस नेता शिवकुमार ने इस ब्लास्ट को वोट बैंक की राजनीति से जोड़ते हुए गुरुवार (15 दिसंबर) को कहा कि यह विस्फोट एक 'गलती' थी। कांग्रेस नेता शिवकुमार ने आतंकी गतिविधियों के आरोपित मोहम्मद शरीक का बचाव करते हुए कहा कि, 'बगैर जाँच के उन्होंने (सरकारी एजेंसियों ने) शरीक को आतंकवादी कैसे घोषित कर दिया? क्या यह मुंबई जैसा आतंकी हमला था? यह कुछ भी नहीं है। किसी ने इसे गलती से किया होगा।'
शिवकुमार के बयान पर उस समय सवाल उठे थे कि, अगर इस ब्लास्ट (मंगलौर ब्लास्ट) में मुंबई आतंकी हमले की तरह 200 लोग मरते, तभी कांग्रेस नेता शिवकुमार, आरोपी मोहम्मद शरीक को आतंकी मानते ? क्या एक आतंकी केवल इसलिए आतंकी नहीं है, क्योंकि वो हमले को सही तरह से अंजाम नहीं दे सका ? शरीक की मौसी ने उस समय मीडिया से बात करते हुए बताया था कि बीते कुछ दिनों से शरीक अक्सर नमाज, इबादत और अल्लाह की बातें बहुत अधिक करने लगा था। पहले उसकी दाढ़ी छोटी थी, लेकिन अब उसने दाढ़ी भी बढ़ानी शुरू कर दी थी। उसे जब भी निकाह के लिए कहा जाता, तो वह हर बार एक ही जवाब देता कि, 'मेरा तो सब कुछ अल्लाह है। कुछ ऐसा करूँगा कि जन्नत में 72 हूरें मिलेंगी, वही मेरी असली दुनिया है।'
बता दें कि, मोहम्मद शरीक ने आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए एक हिंदू नाम 'प्रेम राज हटगी' का आधार कार्ड भी चोरी किया था। उसने कुकर में इतना विस्फोटक भरा हुआ था कि उससे पूरी बस उड़ाई जा सकती थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, उसके ठिकानों की छानबीन में हिंदू मंदिर और चिल्ड्रन फेस्टिवल के नक्शे बरामद हुए थे। वहीं उसके मोबाइल में भगोड़े इस्लामिक उपदेशक 'जाकिर नाइक' की वीडियो भी मिली थी। बता दें कि, कई आतंकी ये बात कह चुके हैं कि, वे उसी जाकिर नाइक की वीडियो देखकर वे कट्टरपंथी बने हैं, जिसे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ''शांतिदूत'' बताते रहे हैं। हालांकि, इतना सब सामने आने के बाद भी कांग्रेस को यदि मोहम्मद शरीक आतंकी नहीं लगता है, तो पार्टी की नियत पर सवाल उठना लाजमी है। यही वजह है कि, कांग्रेस पर वोट बैंक की खातिर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप लगते हैं। यदि उस समय कर्नाटक पुलिस, आतंकी मोहम्मद शरीक के प्रति नरम रवैया अपनाती, तो हो सकता था कि, यह अपराधी आज किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे रहा होता।
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