बगदाद: एक ओर पूरी दुनिया कोरोना महामारी से बुरी तरह जूझ रही है, वहीं दूसरी ओर इजरायल पहला ऐसा मुल्क बन गया है जिसने खुद को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है. इजरायल ने अपने सामूहिक टीकाकरण अभियान के बाद कोरोना वायरस पाबंदियों में भी ढील दे दी है और स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है.
इजरायल में सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को शुरू कर दिया गया है और बच्चे कक्षाओं में लौट आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने की बाध्यता को भी ख़त्म कर दिया गया है. हालांकि बड़ी सभाओं में मास्क जरुरी हैं. इजरायल ने दुनिया भर के टीकाकरण अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अपने देश में तेजी से लोगों का टीकाकरण किया है. यही कारण है कि वहां कई कोरोना प्रतिबंधों को हटा दिया गया है. इजरायल ने पिछले हफ्ते ऐलान किया है कि मई से देश में विदेशी पर्यटकों को भी प्रवेश दिया जाएगा और उनका टीकाकरण भी किया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गत वर्ष महामारी की शुरुआत के बाद से, इजरायल में कोरोना वायरस के 836,000 केस दर्ज किए थे और इस महामारी के कारण 6,331 लोगों की मौत हुई थी. इजरायल में 9.3 मिलियन नागरिकों में से 53 फीसद को फाइजर / बायोएनटेक वैक्सीन के दो खुराक दी गई हैं. दिसंबर में जब से इज़राइल ने अपने टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है, गंभीर मामलों और मौतों में कमी आई है और इकॉनमी को पूरी तरह से फिर से खोलने की इजाजत दे दी गई है. हालांकि इजरायल के नियंत्रण वाले वेस्ट बैंक और गाजा में टीकाकरण अभियान सुस्त है, जिसके लिए सरकार की आलोचना हो रही है.
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