बांग्लादेशी हिन्दुओं पर हो रहे इस्लामी अत्याचार के खिलाफ इजराइल ने उठाई आवाज़, लेकिन भारतीय राजनेता कब बोलेंगे?

बांग्लादेशी हिन्दुओं पर हो रहे इस्लामी अत्याचार के खिलाफ इजराइल ने उठाई आवाज़, लेकिन भारतीय राजनेता कब बोलेंगे?
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नई दिल्ली: बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ की जा रही हिंसा को लेकर इजरायल ने कड़ा विरोध जताया है। मुंबई स्थित इजरायल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशनी ने शनिवार (14 दिसंबर 2024) को बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के प्रति गहरी एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दुओं के खिलाफ इस तरह की हिंसा अस्वीकार्य है। 

उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय पर बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथी हमलों पर चिंता जताई और इन चुनौतियों का तुरंत समाधान करने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद से इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को अपना निशाना बना लिया है। मूर्ति पूजा से नफरत में अंधे इस्लामवादी लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले कर रहे हैं, मूर्तियों को तोड़ रहे हैं, और हिन्दुओं के घरों को जला रहे हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि हिंदू समुदाय डर और असुरक्षा के साए में जीने को मजबूर है।  

कोब्बी शोशनी ने मुंबई में विश्व हिंदू आर्थिक मंच (WHEF) 2024 को संबोधित करते हुए कहा कि, "हमें पता है कि अपनों के साथ अत्याचार होने पर कैसा लगता है। हम समझते हैं कि जब अपराधी बेटियों और बच्चों की हत्या करते हैं तो वह दर्द क्या होता है।" उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की तीखे शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि, इस समस्या के तत्काल समाधान किए जाने की जरूरत है।  

 

बता दें कि, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे इन अत्याचारों के खिलाफ कुछ वैश्विक नेता आवाज उठा रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर हिंदुओं का समर्थन किया है। ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने भी ब्रिटिश संसद में हिंदुओं के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ अपील की है। अब इजरायल भी इस मामले में हिंदुओं के साथ खड़ा नजर आ रहा है।  

हालाँकि, विश्व भर से उठती आवाज़ों के बीच यह बेहद चिंताजनक है कि भारत में विपक्षी नेता, मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति के कारण, इस मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं। भारत के पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्मों पर उनकी चुप्पी कई तरह के सवाल खड़े करती है। क्या यह वक्त नहीं है कि विपक्ष और जनता, सरकार के साथ मिलकर इस गंभीर समस्या के खिलाफ एकजुट हों?  

यह मसला केवल सरकार के प्रयासों से हल नहीं होगा। इसके लिए पूरे देश को, चाहे वह सत्तारूढ़ पार्टी हो या विपक्ष, मिलकर पड़ोसी मुल्क पर दबाव बनाना होगा। इजरायल जैसे देशों और वैश्विक नेताओं के समर्थन से भारत को भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज और सख्त करनी होगी। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हो रहा है, वह सभ्यता और मानवता के खिलाफ है। जब तक भारत के सभी पक्ष और विपक्ष एकजुट होकर इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ खड़े नहीं होंगे, तब तक पड़ोसी मुल्कों में अल्पसंख्यकों पर ऐसे हमले रुकने की संभावना नहीं है।  

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