नई दिल्ली: भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रयान-3 के लिए काउंट डाउन आज यानी गुरुवार (13 जुलाई) की दोपहर शुरू हो जाएगा। लॉन्चिंग शुक्रवार दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की जाएगी। इससे पहले ISRO के वैज्ञानिक भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए तिरूपति वेंकटचलापति मंदिर के शीश झुकाने पहुंचे। वैज्ञानिक चंद्रयान-3 का मिनिएचर मॉडल भी अपने साथ ले गए। इन्होंने मिशन की सफलता के लिए पूजा की। बता दें कि, श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश में ही आता है और वहां के लोगों की भगवान तिरुपति बालाजी में अगाध श्रद्धा है ।
A team of ISRO scientists reached Tirupati Venkatachalapathi temple to offer prayers with a miniature model of Chandrayaan-3.
— Sheetal Chopra ???????? (@SheetalPronamo) July 13, 2023
Gravity explains the motions of the planets, but it cannot explain who sets the planets in motion
Venkat Ramana Govinda Govinda ???????? pic.twitter.com/dsVlNUcD2g
बता दें कि, चंद्रयान 24-25 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा। अगले 14 दिन रोवर लैंडर के चारों तरफ 360 डिग्री में घूमेगा और कई परीक्षण करेगा। रोवर के चलने से पहिए के जो निशान चंद्रमा की सतह पर बनेंगे, उनकी तस्वीर भी लैंडर भेजेगा। इस मिशन के साथ ही भारत चंद्रमा पर राष्ट्रध्वज पहुंचाने वाला चौथा देश बनेगा ही, चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास पहुंचने वाला पहला देश भी होगा। यह वही क्षेत्र है, जहां चंद्रयान-1 के दौरान मून इंपैक्ट प्रोब छोड़ा था और ISRO ने पानी होने का पता लगाया था। यहीं चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी।
इस बार लैंडर में चारों कोनों पर लगे चार इंजन (थ्रस्टर) तो होंगे ही, मगर पिछली बार बीचों-बीच लगा पांचवां इंजन हटा दिया गया है। इसके साथ ही फाइनल लैंडिंग सिर्फ दो इंजन की सहायता से ही होगी, ताकि दो इंजन आपातकालीन स्थिति में काम कर सकें। इसी प्रकार इस बार ऑर्बिटर नहीं है, मगर प्रोपल्शन मॉड्यूल होगा जो लैंडर और रोवर से अलग होने के बाद भी चंद्रमा की परिक्रमा में घूमेगा और चंद्रमा से धरती पर जीवन के लक्षण पहचानने का प्रयास करेगा। भविष्य में इस डेटा का इस्तेमाल अन्य ग्रहों, उपग्रहों और तारों पर जीवन की तलाश में हो सकेगा।
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