भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हाल ही एक उच्च क्षमता वाली बैटरी को विकसित किया हैं जो काफी उच्च शक्ति प्रदान करती हैं। सरकार ने इसरो से कहा हैं कि वो इस बैटरी को ऑटोमोबाइल कंपनी को भी इस्तेमाल करने की अनुमती दे।
इसके लिए इसरो से 6 प्रमुख ऑटोमोटिव फर्मों, बैटरी निर्माता और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से संपर्क किया है। इनमें महिंद्रा रेनॉल्ट, हुंडई, निसान, टाटा मोटर्स, हाई एनर्जी बैटरिज, भेल और इंडियन ऑयल स्वदेशी लिथियम आयन बैटरी आदि अपनी दिलचस्पी दिखा रहें हैं।
क्या थी तकनीकी-
• नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, ने इसरो को लिथियम आयन बैटरी के लिए स्वदेशी तकनीक विकसित करने के लिए कहा था।
• नई तकनीक के साथ, बैटरी की कीमतें कम हो जाएंगी और आसानी से भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंच सकेंगी।
• इससे पहले, इसरो ने उपग्रह और प्रक्षेपण वाहन के अनुप्रयोगों के लिए समान बैटरी विकसित की थी।
• नई तकनीक के तहत निर्मित बैटरी शक्तिशाली और हल्की होनी चाहिए और पारंपरिक बैटरी की तुलना में कम मात्रा में है।
सरकार विशेष रूप से मेट्रो शहरों में बिजली के वाहनों के इस्तेमाल पर जोर दे रही है शहरों में वायु प्रदूषण सबसे बड़ा स्वास्थ्य चिंता बन गया है। इलेक्ट्रिक वाहन का मुख्य घटक बैटरी है वर्तमान में, बैटरी आयात की जाती है, और यह महंगा है।
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