नई दिल्ली: बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के स्थानीय निकायों के लिए चुनाव प्रक्रिया को तत्काल अधिसूचित करने का आदेश दे दिया है। अदालत ने राज्य चुनाव आयोग से कहा कि वह 2 सप्ताह में चुनाव समारोह को नोटिफाई करे। चुनाव शीघ्र कराए जाएं। अदालत ने कहा कि हम चाहते हैं कि चुनाव हो इस प्रकार से टाला न जाए।
वही इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 4 मई के अपने आदेश में कहा था कि पहले महाराष्ट्र में लोकल बॉडी इलेक्शन के चुनाव के सिलसिले में जिस क्षेत्र के लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है, उसमें उम्मीदवार को आरक्षण नहीं मिलेगा। वह क्षेत्र ओबीसी आरक्षण के दायरे से बाहर होगा। पिछली सुनवाई में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के चलते सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पिछड़ा वर्ग आयोग ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। शीघ्र ही कुछ स्थानों पर नॉमिनेशन आरम्भ भी हो जाएगा, इसलिए सुनवाई न टाली जाए।
वही याचिकाकर्ता महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण आयोग की तरफ से 800 पेज की रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। लिहाजा इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर दाखिल करने के लिए कुछ मोहलत दी जाए। वही चरणबद्ध चुनाव का प्रथम चरण 13 जुलाई से है, इसलिए अदालत के हरी झंडी प्राप्त होने के आदेश को लेकर अर्जेंसी है। उच्चतम न्यायालय में जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि नामांकन हो ही चुका है तो आप अब क्या कर सकते हैं? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी हुई है, किन्तु जिला परिषद एवं नगर निगमों के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया अभी आरम्भ भी नहीं हुई है। तत्पश्चात, अदालत ने कहा था कि जो अधिसूचना जारी हो गई है, उसके अनुसार, प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए, मगर जिन चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं हुई है, उनको फिलहाल रोक दिया जाए।
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