नई दिल्ली : वायको के हिंदी के विरोध के बीच आज गृह मंत्रालय द्वारा लोकसभा मे लिखित उत्तर दिया. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए लिखित जवाब में कहा गया है कि हिंदी राजभाषा को प्रोत्साहन देने के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से कई बड़े कदम उठाए गए हैं. इसके लिए MHA ने 1 लाख 73 हज़ार 900 कर्मियों को अनुवाद के लिये कम्प्यूटर की ट्रेनिंग दी गई है.
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 5 वर्षों में 288.18 करोड़ रुपये खर्च किया गया है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि 15 जुलाई को मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) के महासचिव और राज्यसभा सांसद वायको ने आपत्तिजनक दावा करते हुए कहा था कि हिंदी जड़हीन भाषा है, वहीं संस्कृत भाषा मर चुकी है.
वायको ने हिंदी पर वार्ता करते हुए कहा था कि हिंदी भाषा में क्या साहित्य है. हिंदी भाषा की कोई जड़ नहीं है, और संस्कृत एक मृत भाषा है. हिंदी में चिल्लाने से कोई नहीं सुन सकता, भले ही सदन में सदस्यों के कान में इयरफोन लगा हुआ हो. सदन में हो रही बहस का स्तर गिरा है. इसकी मुख्य वजह हिंदी को थोपा जाना है.'
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