मानव शरीर में कई प्रकार कि क्रियायें निरंतर होती रहती हैं जिनमें से कुछ क्रियायें ऐसी भी होती हैं जिनका शास्त्र और मानव जीवन से गहरा संबध होता है। समाज में कई धर्म है और हर धर्म की अपनी अलग मान्यता होती है। हिन्दू धर्म में आज के समय में जो भी शुभ अशुभ माना जाता है वह आदिकाल से चले आ रहा है और वास्तव में देखा जाये तो इनका कहीं हद तक होना सच होता है ज्योतिषशास्त्र में भी इन शुभ-अशुभ का बड़ी ही बारीकी से वर्णन किया गया है।
वैसे तो आमतौर पर किसी काम को करने से पहले अगर किसी को छींक आ जाती है तो उसे शुभ अशुभ का दर्जा मान लिया जाता है। आज हम आपसे कुछ ऐसे ही सिलसिले में बात करेंगे कि छींक आने के बाद कौन से काम शुभ होते हैं और कौन से अशुभ तो चलिए देखते हैं।
जब कोई व्यक्ति बीमार हो और दवाई लेते वक्त ही उसे छींक आ जाए तो इसका तात्पर्य यह है की वह जल्द ही ठीक हो जाएगा।
जब घर से किसी अच्छे काम के लिए निकलो और छींक आ जाए तो वह अशुभ मानते है लेकिन वही छींक दो बार आ जाए तो शुभ होता है।
जब हम शॉपिंग के लिए जाए और कोई वस्तु खरीदते वक्त हमे छींक आ जाए तो वह हमारे लिए सौभाग्यशाली मानी जाती है।
जब हम खाना खाने बैठते है और उस समय छींक आए तो थोड़ी देर के लिए रुक जाना चाहिए।
सोते वक्त या सोकर उठते वक्त अगर छींक आ जाए तो यह अशुभ होता है।
अगर नया काम या व्यापार शुरू करते वक्त छींक आ जाए तो यह शुभ है।
किसी भी धार्मिक स्थान या पूजा स्थान पर नहीं छींकना चाहिए।
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