शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के कारण हिमाचल प्रदेश में लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। यह टिप्पणी उन्होंने राज्य में स्ट्रीट वेंडर्स से जुड़े मुद्दे पर की। सुक्खू ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह बयान शिमला और मंडी में मस्जिद से जुड़े विवादों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि शिमला मस्जिद मामले में सरकार कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी। मस्जिद समिति ने भी कहा है कि यदि कोई अवैध निर्माण हुआ है, तो उन्हें उसे स्वयं हटाने की अनुमति दी जाए। सुक्खू ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है, लेकिन अवैध निर्माण को कानून के तहत निपटाया जाएगा। सुक्खू ने यह भी बताया कि मंडी में अवैध निर्माण का एक और मामला सामने आया था, जिसमें मस्जिद समिति ने खुद ही अवैध ढांचे को गिरा दिया था। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन होते रहते हैं और यह कोई नई बात नहीं है। शिमला मस्जिद विवाद में भी कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि हाल ही में मंडी में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछार और लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे पहले, शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण के खिलाफ हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई थी। प्रदर्शनकारी 'हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है' जैसे नारे लगा रहे थे।
यह कमल गौतम है जो दलित हिंदू है
— ????????विनोद कुमार सिंह रैकवार ???????? (@SonOfAvadh) September 13, 2024
इन्होंने ही शिमला की संजौली की अवैध मस्जिद के खिलाफ दो आरटीआई लगाई थी हिमाचल प्रदेश सरकार को मजबूरी में जवाब देना पड़ा कि यह मस्जिद अवैध है
उसके बाद हिमाचल की कांग्रेस सरकार उनके पीछे पड़ गई और इन्हें सरकारी नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया। pic.twitter.com/YJt2aYFAPE
बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में कहा था कि संजोली में अवैध मस्जिद के कारण डेमोग्राफी बदली है। वहां महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है, लव जिहाद और चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके बाद कांग्रेस के ही विधायकों ने अनिरुद्ध सिंह का विरोध किया था। क्योंकि, कांग्रेस कभी लव जिहाद को मुद्दा नहीं मानती, वहीं, मुस्लिम समुदाय शुरू से उसका मुख्य वोट बैंक रहा है। लेकिन, हिन्दू समुदाय के व्यापक विरोध के बाद कांग्रेस सरकार को एक्शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब मुख्यमंत्री सुक्खू कह रहे हैं कि सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। हालांकि, उनका निशाना उन स्ट्रीट वेंडर्स पर था, जो सड़क किनारे अपनी दुकानदारी चलकर जीवनयापन करते हैं।
हिमाचल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की घुपेंठ के विरोध में उतरे कांग्रेस के मंत्री अनिरुद्ध सिंह |
— THE JAT ASSOCIATION (@Jatassociation) September 6, 2024
ऐसा पहली बार है जब कोई कांग्रेस का नेता अपनी पद्धति से हट कर घुसपैठ जैसा मुद्दा विधान सभा में उठा रहा है |
अब हिमाचल के हिंदुओं को देखना है कि इस नेता का साथ देना है या इसकी हिम्मत… pic.twitter.com/aUey2ZevaO
उन्हें मुख्यमंत्री ने 'बाहरी' भी कहा है, अब मुख्यमंत्री की नज़रों में ये 'बाहरी' भारत के ही अन्य राज्यों के लोग हैं या फिर अवैध घुसपैठिए, इसका जवाब सिर्फ सीएम सुक्खू ही दे सकते हैं। क्योंकि, घुसपैठियों को बाहर निकालने वाले कानून NRC का तो कांग्रेस खुलकर विरोध करती है, हाँ, वो मौजूदा मुद्दे को डाइवर्ट करने के लिए, दूसरे राज्यों से आकर हिमाचल में काम करने वालों को निशाना बना सकती है। क्योंकि, कर्नाटक में भी कांग्रेस ने कन्नड़ और गैर-कन्नड़ के मुद्दे को हवा दे दी है, हालांकि, हिमाचल में भाषा इतना बड़ा मुद्दा नहीं है, इसलिए हो सकता है, वहां हिमाचली और अन्य राज्यों से आए लोगों को मुद्दे बना दिया जाए। अब कांग्रेस सरकार की स्ट्रीट वेंडर्स कमेटी क्या काम करती है, और उसका क्या असर होता है ? ये वक्त ही बताएगा।
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