महिलाओं को भी जरुरी है वेट ट्रेनिंग करना, मिलते है कई फायदे

महिलाओं को भी जरुरी है वेट ट्रेनिंग करना, मिलते है कई फायदे
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व्यायाम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी है, और यह सर्वविदित है। जहां पुरुष आमतौर पर वेट ट्रेनिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं महिलाएं कार्डियो, योगा और ज़ुम्बा जैसी एरोबिक गतिविधियों को प्राथमिकता देती हैं। हालांकि, कई शोधों से यह साबित हुआ है कि महिलाओं के लिए भी वेट ट्रेनिंग उतनी ही फायदेमंद है। यह मिथक है कि महिलाओं को वेट ट्रेनिंग करते समय भारी वजन उठाना पड़ता है, जैसा कि बॉडी बिल्डर्स करते हैं। असल में, महिलाओं को हल्के वजन के साथ शुरुआत करनी चाहिए और धीरे-धीरे मध्यम वजन उठाने की ओर बढ़ना चाहिए।

महिलाएं चाहे जिम में जाएं या घर पर रहें, वेट ट्रेनिंग कर सकती हैं। इसके लिए डंबल, केटलबेल, बार्बेल, प्लेट्स और रेजिस्टेंस बैंड जैसी विभिन्न उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है। नियमित वेट ट्रेनिंग, खासकर अगर इसे हफ्ते में 4-5 दिन किया जाए, महिलाओं के लिए कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करती है। आइए इस लेख में वेट ट्रेनिंग के लाभों और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

वेट ट्रेनिंग क्या है?
वेट ट्रेनिंग एक प्रकार की प्रतिरोधक (रेज़िस्टेंस) एक्सरसाइज है, जिसमें मांसपेशियों को एक प्रतिरोधी बल के खिलाफ काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह प्रतिरोधी बल मशीन, फ्री वेट (जैसे डंबल्स या केटलबेल), या रेजिस्टेंस बैंड के रूप में हो सकता है। वेट ट्रेनिंग का उद्देश्य मांसपेशियों की शक्ति, सहनशक्ति, और आकार में सुधार करना होता है। इसे घर पर भी आसानी से किया जा सकता है, और इसके लिए बहुत जटिल उपकरणों की जरूरत नहीं होती।

वेट ट्रेनिंग के प्रमुख उपकरण
डंबल्स – हल्के से लेकर भारी वजन वाले डंबल्स वेट ट्रेनिंग का मूल उपकरण होते हैं।
केटलबेल्स – बल और स्थिरता को बढ़ाने के लिए उपयोगी होते हैं।
बार्बेल्स – यह मांसपेशियों के बड़े समूहों को टारगेट करने में मदद करता है।
रेजिस्टेंस बैंड – यह एक लचीला और बहुउद्देशीय उपकरण है जो मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।
मशीन – जिम में उपलब्ध वेट मशीनें विशेष मांसपेशी समूहों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायक होती हैं।

महिलाओं के लिए वेट ट्रेनिंग के फायदे
1. पुरानी बीमारियों का खतरा कम करे

वेट ट्रेनिंग न केवल मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, बल्कि यह हृदय स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण सुधार लाती है। नियमित रूप से वेट ट्रेनिंग करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है, ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है, और हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा, यह टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को भी कम करने में सहायक होती है। शोधों से यह भी पता चला है कि वेट ट्रेनिंग करने से शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता (इंसुलिन सेंसिटिविटी) में सुधार होता है, जिससे शरीर ग्लूकोज को बेहतर तरीके से उपयोग कर पाता है।

2. वजन घटाने में मददगार
वेट ट्रेनिंग वजन कम करने के लिए एक बेहद प्रभावी तरीका है। इसके दौरान मांसपेशियां टूटती हैं और उन्हें रिपेयर होने में समय लगता है, जो कि एक्सरसाइज के बाद 48 घंटे तक चलता है। इस अवधि के दौरान शरीर कैलोरी जलाता रहता है। इसका मतलब है कि वेट ट्रेनिंग करने से केवल व्यायाम के दौरान ही नहीं, बल्कि इसके बाद भी कैलोरी बर्न होती रहती है। यह महिलाओं के लिए एक बेहद प्रभावी तरीका है, जो फैट लॉस और बॉडी टोनिंग की दिशा में काम कर रही हैं।

3. मांसपेशियों को मजबूत करे
उम्र के साथ मांसपेशियों की कमी (मसल लॉस) होना स्वाभाविक है। इसे रोकने के लिए वेट ट्रेनिंग एक आदर्श विकल्प है। नियमित वेट ट्रेनिंग से मांसपेशियों का निर्माण होता है, जिससे शरीर की सहनशक्ति और कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। मजबूत मांसपेशियां हड्डियों और जोड़ों को सहारा देती हैं, जिससे चोट लगने का खतरा कम हो जाता है। खासकर महिलाओं के लिए, यह प्रक्रिया उम्र बढ़ने के साथ होने वाली कमजोरी को रोकने में मदद करती है।

4. हड्डियों का घनत्व बढ़ाए
वेट ट्रेनिंग से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है। जब आप वजन उठाते हैं, तो आपकी हड्डियों पर दबाव पड़ता है, जिससे वे मजबूत होती हैं। यह विशेष रूप से प्री-मेनोपॉजल और पोस्ट-मेनोपॉजल महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन चरणों में हड्डियों का घनत्व घटने का जोखिम अधिक होता है। मजबूत हड्डियां न केवल ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव करती हैं, बल्कि यह मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाती हैं, जिससे अधिक कैलोरी बर्न होती है।

5. हार्मोन नियंत्रित करे
वेट ट्रेनिंग का एक अन्य महत्वपूर्ण लाभ है कि यह हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स साइंस एंड फिजिकल फिटनेस में प्रकाशित 2013 की एक स्टडी में पाया गया कि वेट ट्रेनिंग करने से प्री-मेनोपॉजल महिलाओं में हड्डियों की सेहत में सुधार होता है और हार्मोनल असंतुलन कम होता है। यह बेहतर नींद, मूड में सुधार और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है।

6. मेटाबॉलिज्म को बढ़ाए
वेट ट्रेनिंग से न केवल मांसपेशियों का निर्माण होता है, बल्कि यह मेटाबॉलिज्म को भी उत्तेजित करती है। मांसपेशियों की मरम्मत और विकास के दौरान कैलोरी की अधिक मात्रा जलती है, जिससे शरीर की कुल कैलोरी खपत बढ़ जाती है। इसका अर्थ यह है कि जितनी अधिक मांसपेशियां होंगी, उतनी ही तेज़ी से आपका मेटाबॉलिज्म काम करेगा, और आप दिनभर में अधिक कैलोरी जलाएंगे।

वेट ट्रेनिंग शुरू करने के सुझाव
हल्के वजन से शुरू करें

शुरुआत में हल्के वजन के साथ ट्रेनिंग करें और धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं। इससे आपका शरीर वेट ट्रेनिंग के अनुकूल हो जाएगा और चोट का जोखिम कम हो जाएगा।

सही तकनीक का पालन करें
वेट उठाते समय सही तकनीक का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गलत तकनीक से न केवल आपके परिणाम प्रभावित होते हैं, बल्कि चोट का भी खतरा होता है।

रेगुलर ब्रेक लें
वेट ट्रेनिंग करते समय मांसपेशियों को आराम देना जरूरी है। हफ्ते में 4-5 दिन की ट्रेनिंग के बीच नियमित रूप से ब्रेक लें ताकि मांसपेशियां रिपेयर और पुनर्निर्माण कर सकें।

वेट ट्रेनिंग महिलाओं के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है। इससे मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती मिलती है, वजन कम करने में मदद मिलती है, और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होती है। चाहे आप फिटनेस के किसी भी स्तर पर हों, वेट ट्रेनिंग को अपनी रूटीन में शामिल करने से आप संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकती हैं।

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