नई दिल्ली: भारत में होने वाले ICC वर्ल्ड कप 2023 की तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं. ICC ने शेड्यूल भी जारी कर दिया है और 5 अक्टूबर से टूर्नामेंट की शुरुआत होना है. इस अहम टूर्नामेंट से पहले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बड़ी बात कही है. दरअसल, 'दादा' ने टीम इंडिया को सलाह दी है कि उसे विश्व कप में रिस्ट स्पिनर्स (कलाई के स्पिन गेंदबाज) पर विशेष ध्यान देना चाहिए. BCCI के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल पर नजर रखनी चाहिए और वो ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसी टीमों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं.
गांगुली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टीम इंडिया के पास रवि बिश्नोई, कुलदीप यादव जैसे रिस्ट स्पिनर्स हैं, मगर चहल को बड़े टूर्नामेंट में चांस नहीं मिला है. चहल ने शॉर्ट फॉर्मेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया है. ये आवश्यक है कि चहल पर नजर रखी जाए. सौरव गांगुली ने बताया कि आखिर किस तरह युजवेंद्र चहल वर्ल्ड कप में अहम साबित हो सकते हैं. गांगुली का कहना है कि, जब टीम इंडिया का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसी टीमों से होगा, तो भारतीय परिस्थितियों में कलाई का स्पिनर बड़ा असर डाल सकता है. वर्ष 2011 में पीयूष चावला ने शानदार गेंदबाजी की थी. गांगुली की मानें तो भारतीय परिस्थितियों में रिस्ट स्पिनर का होना बहुत अहम है.
बता दें कि, युजवेंद्र चहल एक विकेट-टेकर गेंदबाज़ माने जाते हैं और टी20, ODI से लेकर IPL में उन्होंने इसे साबित भी किया है. मगर, कहीं ना कहीं टीम इंडिया को उनपर पूरा विश्वास नजर नहीं आता. क्योंकि इस लेग स्पिनर को निरंतर 2 टी20 वर्ल्ड कप में एक भी मैच में खेलने का चांस नहीं दिया गया. 2021 टी20 वर्ल्ड कप में तो चहल को स्क्वाड में ही स्थान नहीं मिला, वहीं 2022 टी20 वर्ल्ड कप में चहल टीम में तो थे मगर उन्हें बेंच पर बैठाए रखा गया.
बता दें कि, युजवेंद्र चहल ने अब तक टीम इंडिया के लिए 72 ODI मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 121 विकेट हैं. चहल का इकॉनमी रेट केवल 5.26 रन प्रति ओवर का रहा है और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 42 रन देकर 6 विकेट है. चहल वनडे में 2 बार मैच मैच में 5 विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं. चहल के आंकड़े बेहतरीन हैं और अब देखना ये है कि क्या टीम इंडिया इस लेग स्पिनर को चांस देती है?
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