बदरीनाथ: सोशल मीडिया पर एक मौलाना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वह यह दावा करते हुए सुनाई दे रहा है कि "बद्रीनाथ धाम मुसलमानों का है। यह बदरुद्दीन शाह की मजार है।" मौलाना ने कहा, "असल बात यह है कि बद्रीनाथ नहीं, वह बदरुद्दीन शाह हैं। यह मुसलमानों का धार्मिक स्थल है। इसे मुसलमानों के हवाले कर देना चाहिए। वह बद्रीनाथ नहीं हैं, नाथ लगा दिया तो वह हिंदू हो गए क्या, वह बदरुद्दीन शाह हैं। तारीख उठा कर देखें। वह मुसलमानों का धार्मिक स्थल है, मैं वहां के मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि इसे मुसलमानों के हवाले कर दिया जाए। मोदी जी आगे आए और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री इन बकवासियों के बकवास को रोकें। वरना मुसलमान मार्च करेंगे, हमारा धार्मिक स्थल है। हम वहां कब्जा कर लेंगे।"
सुनिए इस मौलवी एक नया शिगूफा।इसके अनुसार बद्रीनाथ का नाम बदरुद्दीन शाह का मजार है जो मुस्लिमों का है।
— महेन्द्र मणि त्रिपाठी (@ManiTripat24877) November 1, 2024
ऐसी बयानबाजी मात्र वोटलालची सत्तालोलुप प्रजातांत्रिक सरकारों में मात्र भारत में ही संभव है। यहां नेता गलती का विरोध इसलिए नहीं करते ताकि उनका वोट कट जाएगा। ऐसे लोगों को फांसी दो। pic.twitter.com/4yDzC0sr9K
इस विवादास्पद वीडियो की पड़ताल करने पर पता चला कि यह वीडियो नया नहीं है, बल्कि लगभग 7 साल पुराना है। जब हमने "बद्रीनाथ नहीं, बदरुद्दीन शाह" कीवर्ड से खोजा, तो हमें नवंबर 2017 और जुलाई 2021 में प्रकाशित कई खबरें मिलीं, जिनमें मौलाना ने यही बयान दिए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि मौलाना का यह बयान पहले भी वायरल हो चुका है।
वीडियो में मौलाना दारुल उलूम निसवा के मोहतमिम मौलाना अब्दुल तलीफ हैं। हालांकि, मामले के बाद उन्होंने अपने बयान पर माफी भी मांगी थी। अब वापस सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है, जबकि ये सात साल पुराना मामला है।
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