नई दिल्ली: आज मंगलवार (2 जुलाई) को राज्यसभा में तीखी नोकझोंक के दौरान, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे को फटकार लगाई और उन पर बार-बार आसन का अनादर करने का आरोप लगाया। नाराज उपराष्ट्रपति ने कहा कि, आप (खड़गे) हर बार आसन को नीचा नहीं दिखा सकते। आप हर बार आसन का अनादर नहीं कर सकते। आप अचानक खड़े हो जाते हैं और जो कुछ भी आप कहना चाहते हैं, उसे बिना समझे बोलते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, राज्यसभा के सभापति ने आगे कहा कि, इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कभी भी आसन के प्रति ऐसी अवहेलना नहीं हुई, जैसी आप लोगों ने की, आपके लिए आत्मचिंतन का समय है। आपकी गरिमा पर कई बार हमला किया गया है, मैंने हमेशा आपकी गरिमा की रक्षा करने की कोशिश की है। यह टिप्पणी धनखड़ और खड़गे के बीच तीखी नोकझोंक के बीच आई, जो राज्यसभा में विपक्ष के नेता (LoP) हैं।
धुलाई शुरू । जगदीप धनखड़ ने राज्य सभा में आज खरगे और जयराम रमेश ही नहीं पूरे ख़ानदान को एक्सपोज़ करके रख दिया । खरगे तो पूरी तरह एक्सपोज़ हो गए सोनिया गांधी की चापलूसी करके। pic.twitter.com/T45tmfi23p
— Omkar Chaudhary (@omkarchaudhary) July 2, 2024
कार्यवाही के दौरान, जब कांग्रेस के जयराम रमेश कुछ कहने के लिए खड़े हुए, तो धनखड़ ने उन पर निशाना साधा। धनखड़ ने कहा कि, आप इतने बुद्धिमान, इतने प्रतिभाशाली, इतने प्रतिभावान हैं कि आपको तुरंत आकर खड़गे की जगह सीट ले लेनी चाहिए। कुल मिलाकर आप उनका काम कर रहे हैं और उनका (खड़गे का) अपमान कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति को जवाब देते हुए खड़गे ने कहा कि मुझे बनाने वाली सोनिया गांधी हैं, वो यहां बैठी हैं। कोई जयराम रमेश मुझे नहीं बना सकता। इस पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि, मैं उस स्तर पर नहीं जाना चाहता, वो आप जानें कि आपको किसने बनाया।
दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खड़गे ने आरोप लगाया कि, वर्ण व्यवस्था अभी भी आपके दिमाग में है। इसीलिए आप रमेश को बहुत बुद्धिमान और मुझे मूर्ख कह रहे हैं। बता दें कि खड़गे और जयराम रमेश दोनों ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान जब खड़गे बोलने के लिए उठे तो उन्होंने कहा कि घुटने के दर्द के कारण वे लंबे समय तक खड़े नहीं रह पाएंगे। जिस पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने तुरंत जवाब दिया कि, आप बैठे-बैठे सदन को संबोधित कर सकते हैं। इस पर खड़गे ने कहा कि बैठकर भाषण देने से उतना प्रभाव नहीं पड़ता जितना खड़े होकर भाषण देने से पड़ता है। राज्यसभा के सभापति ने इस पर सहमति जताते हुए हंसते हुए कहा कि बैठकर भाषण देने से कोई जज्बा नहीं होता।
जातिवादी गालियां देकर दलित युवक पर तलवारों से हमला, एजाज-अफरीदी समेत 4 पर केस दर्ज
नाबालिग ने ठुकराया प्रपोजल, तो गुफरान ने काट दिया लड़की का गला, जबलपुर की घटना