विश्व में बढ़ते अपराध पर पाबंदी लगाने के लिए कोर्ट बनाए गए। इन कोर्ट्स में अपराधों को लेकर दो पक्षों की दलील जज सुनता है तथा फिर उसपर फैसला लेता है। लोगों को उम्मीद होती है कि इसमें सच की जीत होगी तथा गलत की हार। लेकिन कई बार इन कोर्ट के भीतर से ऐसे फैसले बाहर आते हैं, जिसे जानकर कोई भी हैरान रह जाता है। ऐसी ही एक घटना हाल ही में कनाडा के क्यूबैक से सामने आई। यहां एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी पर स्वयं को बीच की अंगुली दिखाए जाने के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
अपने फैसले में क्यूबैक के जज डेनिस गलियट्सऑटोस ने कहा कि किसी को बीच की अंगुली दिखाना हर कनाडा के निवासी का अधिकारी है। ये अधिकार उसे भगवान ने दिया है। ये फैसला मॉन्ट्रियल के एक व्यक्ति द्वारा हराशमेंट के केस पर सुनाया गया। अपने फैसले में उसे कहा कि इस मामले में गिरफ्तार हुए व्यक्ति के साथ नाइंसाफी हुई है। बिलकुल स्पष्ट शब्दों में कहें तो किसी को अंगुली दिखाना अपराध नहीं है। ये भगवान का दिया अधिकार है जो कनाडा के प्रत्येक निवासी के पास है।
ये केस असल में 18 मई 2021 का है। पुलिस ने एप्सटीन नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। एप्सटीन 45 वर्ष का व्यक्ति है जो पेशे से टीचर है। घटना वाले दिन वो वॉक से घर लौटा था। तभी उसकी मुलाक़ात अपने पड़ोसी माइकल नाकहए से हुई। माइकल उसी के घर के बगल में रहता था तथा दोनों की पहले भी बहस हो चुकी थी। उस दिन भी दोनों का झगड़ा हुआ, तत्पश्चात, एप्सटीन ने माइकल को मिडल फिंगर दिखाई थी। इसे लेकर माइकल ने एप्सटीन पर हराशमेंट का केस दर्ज कर दिया, जिसके कारण एप्सटीन को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अब जज ने एप्सटीन की गिरफ्तारी को ही नाइंसाफी ठहराया है। जज ने कहा कि ये किसी प्रकार का हराशमेंट नहीं है। आसपास के लोगों के अनुसार, एप्सटीन और माइकल के रिश्ते काफी वक़्त से अच्छे नहीं थे। दोनों का कई बार झगड़ा हो चुका था। माइकल ने एप्सटीन से जान को खतरा बताया जिसे जज ने ख़ारिज कर दिया। जज के अनुसार, अंगुली दिखाना हत्या का इशारा नहीं होता।
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