17 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि 2024 की नवमी है। नवमी तिथि नवरात्रि का नौवां और अंतिम दिन है। अधिकतर लोग इसी दिन हवन पूजा और कन्याओं को भोजन कराते हैं। वहीं, 17 अप्रैल को नवमी तिथि दोपहर 3:14 मिनट तक ही है। तत्पश्चात, दशमी तिथि लग रही है। नवमी तिथि में कन्या पूजा और हवन पूजा करना शुभ माना जाता है। आइए आपको बताते हैं हवन पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त-
नवमी हवन मुहूर्त
नवमी तिथि प्रारम्भ- अप्रैल 16, 2024 को 01:23 पी एम बजे
नवमी तिथि समाप्त- अप्रैल 17, 2024 को 03:14 पी एम बजे
हवन पूजन मुहूर्त- 07:30 ए एम से 12:20 पी एम, 02:30 पी एम से 03:13 पी एम (17 अप्रैल)
हवन की विधि:-
प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें। हवन कुंड को साफ कर लें। तत्पश्चात, हवन के लिए साफ-सुथरे स्थान पर हवन कुंड स्थापित करें। पूजा आरम्भ करने से पहले भगवान गणेश का ध्यान करें। अब गंगाजल का छिड़काव कर सभी देवताओं का आवाहन करें। अब हवन कुंड में आम की लकड़ी, घी एवं कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें। ऊं आग्नेय नम: स्वाहा मंत्र बोलकर अग्नि देव का ध्यान करें। ऊं गणेशाय नम: स्वाहा मंत्र बोलकर अगली आहुति दें। तत्पश्चात, नौ ग्रहों (ऊं नवग्रहाय नम: स्वाहा) और कुल देवता (ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा) का ध्यान करें। तत्पश्चात, हवन कुंड में सभी देवी-देवताओं के नाम की आहुति डालें। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, हवनकुंड में कम से कम 108 बार आहुति डालनी चाहिए। देवी दुर्गा के 9 रूपों का ध्यान करते हुए आहुति डालें। अंत में बची हुई हवं सामग्री को एक पान के पत्ते पर एकत्रित कर, पूड़ी, हलवा, चना, सुपारी, लौंग आदि रख आहुति डालें। तत्पश्चात, पूरी श्रद्धा के साथ मां की आरती करें। पूरी, हलवा, खीर या श्रद्धानुसार भोग लगाएं। आचवनी करें। क्षमा प्रार्थना करें। सभी को आरती दें और प्रसाद खिलाएं।
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