नई दिल्ली: फ़र्ज़ी ख़बरों के खिलाफ सरकार लगातार शिकंजा कस रही है, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के अफसरों ने इस सप्ताह व्हाट्सएप के अधिकारियों से मुलाकात की और फेसबुक के माध्यम से जिस तरीके से फेक न्यूज और भ्रामक सूचनाएं फैला रही है, उनका पता लगाने के लिए आग्रह किया .
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उल्लेखनीय है कि सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वॉट्सएप और फेसबुक के कंटेंट को 'भयावह' बताया था, तभी से वॉट्सएप लगातार फ़र्ज़ी ख़बरों को रोकने की कोशिश में लगा हुआ है. अधिकारियों के अनुसार, व्हाट्सएप की तरफ से निदेशक और सहयोगी जनरल वकील ब्रायन हेनेसी और एक अन्य कार्यकारी ने बैठक में भाग लिया था, जिसमें गलत और भ्रामक खबरों को फैलने से रोकने के उपायों पर काम करने पर चर्चा हुई थी.
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फर्म ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि व्हाट्सएप नियमित रूप से भारत सरकार के साथ जुड़ी हुई है, ताकि इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए एक निजी और सुरक्षित मंच बनाए रखा जा सके. हम इन आम लक्ष्यों के प्रति एक साथ कैसे काम करेंगे, इस पर हम निरंतर चर्चाओं की उम्मीद करते हैं. आपको बता दें कि भारत ने पहले भी व्हाट्सएप और फेसबुक को फ़र्ज़ी ख़बरों पर लगाम लगाने के लिए कहा था, भारत सरकार ने कारण बताया था कि इससे मोब लिंचिंग जैसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता है.
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