नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के चलते विद्यालय जलाने के मामले में कड़कड़डूमा अदालत ने 3 व्यक्तियों पर आरोप तय कर दिए हैं। शमीम अहमद, मोहम्मद कफील एवं फैजान पर आगजनी करने का आरोप था। अदालत ने मामले की सुनवाई के चलते आरोप यही पाए हैं। अदालत कहा कि अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने कहा कि दंगाइयों का उद्देश्य हिंदू संपत्ति को नुकसान पहुंचाना था। स्कूल हिंदू का था, इसलिए उस पर हमला किया गया।
अदालत ने अपराधियों के खिलाफ दंगा करने, गैरकानूनी समूह बनाने, घातक हथियारों का उपयोग करने, चल-अचल संपत्ति जलाने एवं सरकारी आदेश का उल्लंघन करने सहित कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। खबर के अनुसार, ब्रजपुरी रोड पर मॉडर्न पब्लिक स्कूल में तोड़फोड़ एवं आग लगाई गई थी। वहां खड़ी गाड़ियों में भी आग लगाई गई थी। तत्पश्चात, विद्यालय की प्रिंसिपल सहित कई लोगों ने अलग-अलग शिकायत दर्ज कराकर FIR करवाई थी। दिल्ली पुलिस ने मामले में अपराधी फैजान को भगोड़ा घोषित किया था।
दिल्ली 2020 के दंगों से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में स्थानीय कोर्ट ने रोहित नाम के आरोपी को रिहा कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष दंगा, तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटना को साबित करने में विफल रहा। एजेंसी के अनुसार, अपराधी रोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिस पर एक गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था। उस पर आरोप था कि रोहित भी दंगे में सम्मिलित था। उसने दुकानों एवं घरों में तोड़फोड़, चोरी और आगजनी की थी। पहला मामला गोकलपुरी में 25 और 26 फरवरी 2020 की दरम्यानी रात हुए दंगों की घटनाओं के लिए दर्ज किया गया था। जबकि दूसरा मामला 25 फरवरी 2020 को दंगे की इसी प्रकार की घटनाओं के लिए दर्ज किया गया था। सुनवाई के चलते अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि चर्चा एवं टिप्पणियों से यह अदालत इस परिणाम पर पहुंची है कि अभियोजन पक्ष दंगा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को साबित करने में नाकाम रहा। न्यायाधीश ने रोहित को दोनों मामलों में उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से रिहा कर दिया।
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