श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इन दिनों कड़ाके की ठंड का दौर चल रहा है। घाटी के कई इलाकों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। बीते रविवार को श्रीनगर में इस सीजन की सबसे सर्द रात दर्ज की गई, जहां न्यूनतम तापमान -5.9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। उत्तरी कश्मीर के तंगमर्ग इलाके के द्रुंग में एक झरना जम गया, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां बड़ी संख्या में लोग इस प्राकृतिक नजारे को देखने पहुंच रहे हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि घाटी के कई जिलों में शीतलहर का असर जारी रहेगा। अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट होने की संभावना है। श्रीनगर में इस सप्ताह अधिकतम तापमान 7 से 9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान -2 से -4 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। इस दौरान बादलों की हल्की आवाजाही भी बनी रह सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, 22 दिसंबर को कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। इस बीच, कड़ाके की ठंड का असर घाटी की जनजीवन पर भी देखा जा रहा है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम हो गई है, और कई इलाकों में सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है।
ठंड के सबसे कड़े दौर, जिसे 'चिल्लई कलां' कहा जाता है, की शुरुआत 21 दिसंबर से होगी। यह 40 दिनों तक चलेगा और 30 जनवरी को समाप्त होगा। इस दौरान घाटी में अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर बेहद कम हो जाता है। चिल्लई कलां के समय जल स्रोत जैसे झीलें और नदियां आंशिक रूप से जम जाती हैं। ठंडी हवाएं मैदानी क्षेत्रों में ठंडक और बढ़ा देती हैं।
वहीं, मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 16 से 20 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर के कुछ मैदानी इलाकों में बारिश होने की संभावना है। सांबा, राजौरी, उधमपुर, रियासी, पुंछ, बारामुला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा, अनंतनाग, कठुआ, बडगाम, पुलवामा, रामबन, शोपियां, और किश्तवाड़ जैसे इलाकों में बारिश हो सकती है। हालांकि, 22 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क बने रहने की उम्मीद है।
कड़ाके की ठंड के चलते घाटी में जनजीवन पर असर पड़ा है। सर्द हवाओं और गिरते तापमान के कारण लोग जरूरी कामों के लिए ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। आने वाले दिनों में ठंड के और भी कड़े होने की संभावना है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।