नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की बैठक में कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में जब-जब कांग्रेस संकट में आती है, तब-तब वह "संविधान खतरे में" का नारा देकर जनता को गुमराह करने की कोशिश करती है। पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी और अन्य कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने ही संविधान का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने परिवारवाद पर निशाना साधते हुए कहा कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान को तैयार किया ताकि जन्म के आधार पर भेदभाव को खत्म किया जा सके। लेकिन जहां-जहां एक ही परिवार का शासन चलता है, वहां जन्म के आधार पर भेदभाव और बढ़ जाता है। मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ही संविधान को खतरे में डाला है। प्रधानमंत्री ने भाजपा की प्राथमिकताओं पर जोर देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना, समान नागरिक संहिता लागू करना और गोवंश हत्या पर प्रतिबंध लगाना संविधान के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से हैं। भाजपा ने संविधान निर्माताओं की सोच को आगे बढ़ाने का काम किया है, जबकि कांग्रेस ने इन मुद्दों का विरोध किया।
बिना नाम लिए, पीएम मोदी ने कांग्रेस पर "फूट-डालो और राज-करो" की नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने इंदिरा गांधी के इमरजेंसी लागू करने और राजीव गांधी के शाहबानो केस में संविधान की भावना के विरुद्ध कदम उठाने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वे संविधान का उल्लंघन कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे इन घटनाओं के बारे में जनता को जागरूक करेंगे। प्रधानमंत्री ने संविधान के अमृत महोत्सव को एक महज उत्सव नहीं, बल्कि अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने का एक अवसर बताया। उन्होंने कहा कि वे संविधान के सेवक बनकर जन-जागरण का काम करेंगे और संविधान की पवित्रता को संरक्षित रखने का संकल्प हर व्यक्ति तक पहुंचाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान देश के भविष्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी देता है और वे इसे निभाएंगे।
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