भारत और चीन के बीच बीते दिनों सीमा पर जबदस्त विवाद हुआ है. जिसका असर अब दोनों देशों के संबधों पर देखने को मिल रहा है. चीन का भारत में जमकर विरोध हो रहा है. लेकिन दूसरी ओर सीमा गतिरोध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लद्दाख पहुंचकर सभी को हैरान कर दिया. पीएम मोदी ने नाजुक समय में सीमा पर पहुंचकर सैनिकों के जोश को दोगुना कर दिया है. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) प्रमुख एस एस देसवाल ने कहा कि पीएम मोदी के दौरा और निमू में दिए उनके भाषण ने सीमा पर खड़े जवानों के मनोबल को और ऊंचा कर दिया है.
चीन को राजनाथ सिंह की दो टूक, कहा- हम तैयारी में पीछे नहीं रहते, फिर चाहे बॉर्डर हो या अस्पताल
अपने बयान में देसवाल ने बताया कि देश का राष्ट्रीय नेतृत्व, राजनीतिक नेतृत्व, सेना और जवान सब देश के लिए समर्पित हैं. उन्होंने मीडिया से कहा कि सीमा सुरक्षा और सभी सेनाओं का मनोबल चाहे वह थलसेना हो, वायुसेना या आईटीबीपी हो, सभी का मनोबल हाई है. देसवाल ने कहा कि सीमा पर जवानों ने पहले भी देश की सुरक्षा के लिए बलिदान दिया है और वे भविष्य में भी अपना जीवन देश को समर्पित करने के लिए तैयार हैं.
अयोध्या में हुए आत्मघाती हमले की 15वीं बरसी आज, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आईटीबीपी के उपर (एलएसी) की सुरक्षा को संभालने की जिम्मेदारी है. आईटीबीपी देश के पूर्वी हिस्से में 3,488 किलोमीटर की लंबी सीमा की रक्षा करती है. वही, पूर्वी लद्दाख के गलवां घाटी क्षेत्र और अन्य स्थानों पर चल रहे गतिरोध के दौरान चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए सेना के साथ आईटीबापी के जवान भी तैनात रहते हैं. वही, लद्दाख के अचानक दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में घायल जवानों से मुलाकात की थी. इस दौरान पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश के वीर सपूतों ने गलवां घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है. आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं. आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं.
इस स्थान पर कोरोना मरीजों के लिए लगाए गए 5000 बेड
देसी वीडियो एप Moj लोगो को आ रहा है पसंद, इतने लोगो ने किया डाउनलोड
विकास दुबे ने दीवारों में चुनवा रखा था गोला-बारूद, घर में निकला बंकर